मेघालय सरकार के चौंकाने वाले दावे पर उठे सवाल

4000 टन कोयला ‘बारिश में बह गया’? जनता और कोर्ट में मचा हड़कंप

घटना क्या है?

हाल ही में मेघालय से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने दावा किया है कि करीब 4000 टन कोयला बारिश में बह गया है।
सरकार की इस सफाई ने न केवल आम जनता, बल्कि अदालत को भी हैरान कर दिया है। अब इस बयान को लेकर सवालों की बौछार हो रही है।

क्या सिर्फ बारिश से बह सकता है कोयला?

बेशक, मेघालय देश का सबसे अधिक वर्षा वाला राज्य है। चेरापूंजी और मौसिनराम जैसी जगहों पर भारी वर्षा आम बात है।
लेकिन कोयला कोई हल्का या घुलनशील पदार्थ नहीं है। यह एक भारी, ठोस खनिज है, जिसे ट्रकों में ढोया जाता है।

सवाल यह है कि:

  • क्या 4000 टन कोयला खुले में पड़ा था?
  • अगर हां, तो भी क्या वह इतनी बारिश में बह सकता है?
  • क्या सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए गए थे?

इस तरह की घटना व्यवहारिक रूप से अविश्वसनीय लगती है।

हाई कोर्ट ने सरकार को घेरा

यह मामला तब सामने आया जब हाई कोर्ट ने मेघालय सरकार से अवैध खनन और कोयला भंडारण पर जवाब मांगा।
सरकार ने कोर्ट को बताया कि अब वह कोयला वहां मौजूद नहीं है।
जब कोर्ट ने पूछा – “गया कहाँ?” तो मंत्री ने जवाब दिया – “बारिश में बह गया।”

कोर्ट ने इस उत्तर को गंभीरता से लिया और सरकार से स्पष्टीकरण और ठोस सबूत मांगे हैं।

सच्चाई या सिर्फ एक बहाना?

विशेषज्ञों का मानना है कि:

  • कोयला ना तो पानी में घुलता है,
  • ना ही इतनी आसानी से बह सकता है,
  • और ना ही इसका ऐसे ‘गायब’ हो जाना सामान्य है।

इसलिए यह दावा बहुतों को बहाना लग रहा है।
संभावना यह जताई जा रही है कि शायद यह अवैध खनन, भ्रष्टाचार या चोरी को छिपाने की एक कोशिश हो सकती है।

क्या है भ्रष्टाचार की भूमिका?

यह कोई पहली बार नहीं है जब मेघालय में कोयला माफिया और अवैध खनन की खबरें सामने आई हैं।
4000 टन कोयले के रहस्यमयी ढंग से गायब होने के बाद, जनता अब सरकार की नियत और ईमानदारी पर सवाल उठा रही है।

जनता की मांग: जांच हो, दोषी पकड़े जाएं

सरकार का यह कहना कि “कोयला बारिश में बह गया”, अब सार्वजनिक व्यंग्य और आलोचना का कारण बन चुका है।
लोग मांग कर रहे हैं कि:

  • इस पूरे मामले की स्वतंत्र जांच हो,
  • दोषियों को सजा मिले,
  • और सरकार पारदर्शिता से रिपोर्ट पेश करे।

निष्कर्ष

4000 टन कोयले का यूं अचानक गायब हो जाना और उस पर सरकार की सफाई – यह एक ऐसा मामला बन गया है जिसने सत्ता, सिस्टम और सत्य तीनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जनता अब सिर्फ जवाब नहीं, जवाबदेही भी चाहती है।    

Source – https://www.instagram.com/p/DMrYMnvvQ62/?igsh=MXczbjVyb3ZuNXJ6ZA

This article is written by Pragya Rai, Intern at News World India

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