बेलगाम ज़ुबान पर कैसे और कब लगेगी लगाम ?

बीजेपी और बसपा में ज़ुबानी जंग, कोई नहीं किसी से कम !

21 सितंबर को नई संसद में विशेष सत्र का चौथा दिन था. वक्त था रात के 10 बजकर 52 मिनट. स्पीकर के आसन पर उस वक्त केरल से कांग्रेस के सांसद के सुरेश बैठे थे. चंद्रयान-3 की सफलता पर पीएम को श्रैय देने की बात चल रही थी. जिसको लेकर दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी अपना पक्ष रख रहे थे. इसी दौरान बसपा के सांसद दानिश अली ने उनको टोका जिसके बाद जो हुआ उसे देश का मंदिर कहे जाना वाला संसद की गरीमा भंग हो गई. रमेश बिधूड़ी ने बसपा सांसद दानिस अली के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया.

बता दें कि रमेश  बिधूड़ी ने एक मिनट तक लगातार 11 गालियां दीं थीं. ये वो शब्द है जो ना हम आपको दिखा सकते है ना ही सुना सकते है. हालांकि थोड़ी देर हंगामें में बाद खुद रक्षा मंत्री ने क्लिप को स्पंज करवा दिया साथ ही संसद में खेद भी प्रकट किया. वहीं लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने रमेश बिधूड़ी को फटकार लगाई और दोबारा सदन में ऐसे व्यवहार पर कार्रवाई की चेतावनी दी. वहीं बीजेपी ने बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया. साथ ही 15 दिन में जवाब मांगा. वहीं दूसरी तरफ विपक्ष मुद्दे को लेकर बीजेपी पर निशाना साध रही है. साथ ही दानिश अली से संवेदना भी प्रकट कर रही है. जिसको लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, आप नेता संजय सिंह बीएसपी सांसद दानिश अली से मिलने पहुंचे. ऐसे में सवाल ये उठता है की एक सांसद को उसके धर्म के आधार पर चिन्हित करके जो कुछ कहा गया वो कितना सही है? क्या देश का मंदिर कहे जाने वाले मंदिर में इस तरह की बयानबाजी सही है?  वहीं एक सवाल ये भी उठता है की विपक्ष इस मुद्दे को सिर्फ सियासी नफे के लिए उठा रही है?

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