प्रधान मंत्री आवास योजना के अंतर्गत पैसों का बंदर-बांट

ग्राम प्रधान और सचिव की मिली भगत

एक तरफ जहां सरकार लोगों के रोटी, कपड़ा और मकान मुहैया कराने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। तो वही दूसरी तरफ सरकार के इन प्रयासों को सरकारी अधिकारी और ग्राम प्रधान अपने भ्रष्टाचार से उसे असफल करने में लगे हुए हैं, कुछ एक ताजा प्रकरण संतकबीरनगर जिले के नाथनगर ब्लॉक, के साखी गांव का है जहां पर ग्राम प्रधान और सचिव दोनों ने मिली भगत कर गरीब असहाय लोगों के आवास के लिए आए हुए धन का बंदर बांट किया है,गांव के लोगो का आरोप है की सचिव ने बिना सत्यापन किए कमीशन की लालच में बिना निर्माण कराए एक एक करके आवास का सारा पैसा लाभार्थियों को दे दिया,और मजदूरी खुद ही खा गया ,न्यूज वर्ल्ड  इंडिया की टीम मामले की पड़ताल करने जीरो ग्राउंड पर पहुची तो मामला भ्रष्टाचार का निकला, इस पूरे प्रकरण जिला विकास अधिकारी संत कुमार ने कारवाई की बात तो बात कही है पर सावल ये बनता है सचिन ने बिना सत्यापन किया आवास के सारी रकम खारिज कैसे कर दिया।

लाभार्थियों को नहीं मिला आवास का लाभ

वही ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान ने वित्तीय वर्ष 2022 और 23 में गांव के कुल12 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिया था, आवास देने के नाम पर ग्राम प्रधान और सचिव शिवेंद्र कुमार ने गरीब पात्र व्यक्तियों से 6 हजार रुपए की धन उगाही कीऔर उन्हें प्रथम किस्त दे दी गई पैसा कम होने के कारण लाभार्थियों ने जब घर की नीव नही डाली तो ग्राम प्रधान ने कमीशन के लालच मे सचिव के साथ मिलीभगत से बिना सत्यापन किए दूसरी किस्त भी लाभार्थियों के खाते में डाल दी, इसी  तरह से एक एक करके बिना जांच पड़ताल किए सचिव शिवेंद्र कुमार ने लाभार्थियों के खाते में प्रधानमंत्री आवास के आए हुए एक लाख दस हजार और मजदूरी के लिए आए हुए 20 हजार रुपए को भी निकाल लिया ,अभी स्थिति यह रही की गांव के 12 लाभार्थियों में से 6 लाभार्थी अभी तक अपना आवास  नही बनावा सके और 6 लोग अपने आवास की मजदूरी के लिए ब्लॉक के चक्कर काट रहे है। और उन लाभार्थियों में ग्राम प्रधान और सचिव के प्रति इतना डर और खौफ है कि वह उनके खिलाफ कुछ भी कैमरे के सामने बोलने से मना कर दिया, ऑफ कैमरे उन्होंने क्या कुछ कहा आइए  हम आपको दिखाते हैं।

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