परिवर्तिनी एकादशी कब है क्यों रखा जाता है इसका व्रत ?

भारत में हर दिन तीज-त्यौहार होता है क्योकि यही भारत की पहचान है. यहां व्रत का बहुत महत्व है तो चलिए आज आपको बताते हैं आने वाले व्रत के बारे में भाद्रपद महीना जिसमें आती है एकादशी जिसे परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है. परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती होती है. घर में अन्न, धन और खुशहाली की कभी कमी नहीं होती.
कहा तो ये भी जाता है की इस दिन भगवान विष्णु शयन अवस्था में करवट लेते है इसलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है.
चलिए इस व्रत को करने का महत्व आपको बताते हैं
परिवर्तिनी एकादशी 25 सितंबर 2023 को रखा जाएगा.
परिवर्तिनी एकादशी को डोल ग्यारस, पद्मा एकादशी और जलझूलनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है
एकादशी के दिन श्रीहरि के वामन अवतार की पूजा करने से त्रिदेव, ब्रह्मा, विष्णु और शिव की पूजा का फल मिलता है.
परिवर्तिनी एकादशी 2023 का मुहूर्त क्या है
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की परिवर्तिनी एकादशी तिथि 25 सितंबर 2023 को सुबह 07बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 26 सितंबर 2023 को इसका समापन सुबह 05 बजे होगा.
- विष्णु जी की पूजा का समय – सुबह 09.12 – सुबह 10.42
- परिवर्तिनी एकादशी व्रत पारण – दोपहर 01.25 – दोपहर 03.49 (26 सितंबर 2023)
- राहुकाल – सुबह 07.41 – सुबह 09.12
अब जानिए परिवर्तिनी एकादशी का महत्व क्या है
परिवर्तिनी एकादशी गणेश उत्सव के दौरान आती है. इसका व्रत रखने से व्यक्ति को यज्ञ करने के समान फल प्राप्त होता है. मान्यता है कि परिवर्तिनी एकादशी का व्रत स्वर्ण दान, तीर्थ दर्शन करने के बराबर पुण्य प्रदान करता है. इस व्रत का महामत्य स्वंय श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था.

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