देश की वो जगहें जहां नहीं मनाई जाती विजयदशमी

यूपी का वो गांव जहां नहीं होता लंका-दहन
देशभर में आज दशहरा मनाया जा रहा है. दशहरा के पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए मनाया जाता है. आज ही के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था. इस दिन को विजयदशमी भी कहा जाता है. देश में इस दिन बुराई रुपी रावण का दहन किया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है देश में कई ऐसी जगहें भी है जहां दशहरा नहीं मनाया जाता ना ही इस दिन रावण का पूतला फूंका जाता है. तो आईए जानते है इनहीं कुछ जगहों के बारे में. और जानते है क्या है इसके पीछे की वजह….
उत्तर प्रदेश का बिसरख गांव
यूपी के बिसरख गांव में रावण दहन नहीं होता है. पहले के वक्त में यहां रामलीला का मंचन भी नहीं होता था लेकिन अब कई सोसाइटी के बनने के कारण अब रामलीला होने लगी है. इस गांव में लंका पति रावण की पूजा होती है. जिसकी वजह से यहां रावण का पूतला दहन नहीं होता. मान्यता है बिसरख गांव रावण का ननिहाल था जिसकी वजह से यहां रावण दहन नहीं किया जाता.
राजस्थान का मंदौर गांव
राजस्थान के मंदौर में भी दशहरा नहीं मनाया जाता .इस गांव में रावण दहन नहीं होता है. कहा जाता है की मंदौर गांव रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका था. जिसकी वजह से रावण इस गांव का दामाद था. यहीं वजह है की यहां को लोग ना तो दशहरा मनाते है ना ही रावण का पुतला फूंकते हैं.
मध्य प्रदेश का मंदसौर गांव
मध्य प्रदेश के मंदसौर गांव में देश का पहला रावण का मंदिर बना था. यहां विजयदशमी नहीं बनाया जाती. इस गांव को भी मंदोदरी का मायका कहा जाता है. यहां रावण की एक विशाल मूर्ती रुणडी नाम से स्थापित है. जिसकी पूजा की जाती है. इस मूर्ती के सामने महिलाऐं घूंघट में जाती है. क्योंकि रावण इस गांव का दामाद था इसलिए महिलाएं दामाद के सामने बिना घूंघट नहीं जाती.
हिमाचल प्रदेश का बैजनाथ
हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ में भी रावण की पूजा होती है. कहा जाता है की इस जगह पर रावण ने भगवान शंकर को खुश करने के लिए कठोर तपस्या की थी. इसलिए यहां विजयदशमी नहीं मनाई जाती है. इस मंदिर में कोई मूर्ती न होते हुए भी यहां रावण की पूजा की जाती है.
लंकेश्वर महोत्सव
कर्नाटक के कोलार जिले में लंकेश्वर महोत्सव का आयोजन होता है. इस आयोजन के दौरान रावण की पूजा की जाती है . इसके साथ ही इस महोत्सव में रावण के साथ-साथ भगवान शिव की प्रतिमा की भी जुलूस निकाली जाती है. भगवान शिव का परम भक्त होने के कारण यहां रावण की पूजा की जाती है.
कानपुर में है रावण का मंदिर
यूपी के कानपुर में एक ऐसा मंदिर है जहां दशहरा के दिन भगवान राम की नहीं बल्कि रावण की पूजा होती है. आपको बता दें की ये मंदिर पूरे साल में सिर्फ एक दिन ही खुलता है. इसके साथ ही यहां रावण की विधिविधान के साथ पूजा की जाती है साथ ही दशानन की आरती होती है और जयकारे भी लगाए जाते है. मान्यता है की जो इस मंदिर में सच्चे मन से कुछ भी मांगता है उसी मुराद पूरी होती है. कहा जाता है की रावण जैसे ज्ञानी इस पूरे विश्व ना कभी पैदा हुआ ना ही कभी होगा. इसलिए रावण के इसी स्वरुप की यहां पूजा की जाती है.

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