थरमल पावर प्लांट का बंटाधार

किसानो में काफी रोष, कई किसान संगठन उठा चुके है आवाज

इसकी सिकायत जिले से लेकर लखनऊ तक की जा चुकी है कही ग्रामीणो के खेत मे राख गिरा जाते है तो कभी कुऐ मे राख गिरा कर कुआँ पूर देते है  इस राख से पूरा जिला परेसान है सूत्रो की माने तो पाबर प्लांट से दो तीन कैटेगिरी की राख निकलते है जहाँ अच्छी राख की सपलाई की जाती है तो वही जो राख काम की नही होती तो उन्हे डम्परो मे भर कर चाहे जहाँ डम्प कर दिया जाता है जिसे कहीं ना कहीं किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है किसने की आवाज भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति के जिला अध्यक्ष सुनील शर्मा ने कई बार इन किसानों को हो रही परेशानियों को लेकर जिलाधिकारी से कई बार शिकायत भी कर चुके हैं जींस शिकायतों पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई इसके बाद भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति के जिला अध्यक्ष सुनील शर्मा ने जिसकी शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं संबंधित विभाग से की जिसका असर भी होते दिखा लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं दिखाई दिया जांच करने के लिए लखनऊ से टीम आई लेकिन राख से फिर भी निजात ना मिली.

किसानों की फसलों को हो रहा नुकसान

ललितपुर जिले के ग्राम चिगलऊआ में स्थित बजाज पावर प्लांट में पर्यावरण विभाग की शक्ति का भी कोई असर नहीं हुआ प्लांट को चेतावनी भी दी गई थी एक समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक एक साल में रख का यहां कितना उद्योग प्लांट से निकलता है उसके मुताबिक 1 करोड़ 19 लाख 74 हजार8 सौ 79 मेट्रिक टन राख यहां से निकली जाती है जिसमें से प्रतिवर्ष 98 हजार 7 सौ 38 मेट्रिक टन राख खदानों में डाली जाती है वहीं ईट निर्माण पर 1 लाख 10 हजार8 सौ 10 मीट्रिक टन राख का प्रयोग किया जाता है तो वही सीमेंट के लिए सप्लाई 2 लाख 61 हजार 6 सौ 41 में मीट्रिक राख भूमि भराव के लिए 22 लाख 33 हजार 1 सौ 45 मीट्रिक टन राख तो अन्य उद्योग के लिए 16 लाख 52 हजार 5 सौ 24 मेट्रिक टन राख खर्च की जाती है.

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