ऑड- ईवन सिर्फ दिखावा, पराली जलाना रोके राज्य सरकार

दिल्ली  में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ते जा रहा है. बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है.वहीं बढ़ते प्रदूषण के बीच कल दिल्ली सरकार ने बैठक की जिससे बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ऐलान किया कि 13 से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन लागू किया जाएगा. साथ ही 10 नवंबर तक  दिल्ली के सभी स्कूल बंद रहेंगे. सिर्फ 10वीं और 12 वीं क्लास के छात्रों के लिए स्कूल खुले रहेंगे. साथ ही दिल्ली में सभी तरह के कस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी गई है.

ऑड- ईवन सिर्फ दिखावा, पराली जलाना रोके राज्य सरकार

वहीं दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का भी बयान सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा की राज्य की सरकारें मामले को लेकर गंभीरता दिखाते हुए कार्रवाई करें, नहीं तो फिर सुप्रीम कोर्ट  अगर बुल्डोजर की कार्रवाई की तो फिर वो अगले 15 दिनों  रुकने वाला नहीं है. मामले को लेकर जस्टिस एसके कौल ने बयान देते हुए कहा की दिवाली की छुट्टी शुरु होने से पहले सभी पक्ष एक साथ बैठक करें. और पूरे मामले का सामाधान निकालें. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा की दिल्ली में बसों की वजह से भी प्रदूषण बढ़ रहा है.सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा की पराली जलाने की वजह से प्रदूषण फैल रहा है. साथ ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपना बयान देते हुए कहा की राज्य सरकार मोटे अनाज को उगाने का बढ़ावा दें.जिसमें केंद्र सरकार उनकी मदद करें और साथ ही पंजाब मेंफेज वाइजधान की फसल को बाहर किया जाए.

बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

जब दिल्ली के सीएम ने अपने बयान में कहा है की एक सॉल्यूशन विकसित किया गया है जिसके छिड़काव से पराली खाद में बदल जाती है तो फिर पंजाब सरकार इसे इस्तेमाल क्यों नहीं करती. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा की पराली जलाना बंद हो. समस्या का एक्सपर्ट तो यहां हर कोई है लेकिन इस समस्या से कैसै निकला जाए इसका सामाधान किसे के पास भी नहीं है. क्या कोई देख नहीं रहा की दिल्ली में कितने ही छोटे बच्चों को हेल्थ से जुड़ी समस्या आ रही है.

हर साल सिर्फ पेपर पर रह जाता है समाधान- SC

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा की ये मामला कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं तो मामले में ब्लेम गेम को छोड़ दें और इसे किसी और पर आप थोप नहीं सकते. सबसे पहले आप पंजाब में पराली जलाना रोकें. वहीं जस्टिस संजय किशन कौल ने अपने बयान में कहा कि दिल्ली में हर साल का यहीं हाल है. और घुम फिर कर सब कुछ पेपर ही रह जाता है. हमने पहले ही आदेश जारी किया था, कोई भी राज्य इस बात को मना नहीं कर सकता की उनके पास ये आदेश नहीं पहुंचा था.

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