हिमाचल प्रदेश में भीषण आपदा: बारिश से तबाही

हिमाचल प्रदेश इस समय भयंकर प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है।
लगातार भारी बारिश ने भूस्खलन, बाढ़ और जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।
सड़कें बंद हैं और कई इलाकों में आवाजाही ठप हो चुकी है।

24 घंटे में 367 करोड़ का नुकसान

  • आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट:
    • सिर्फ पिछले 24 घंटों में 367.33 करोड़ का नुकसान।
    • 20 जून से अब तक कुल नुकसान 3525.37 करोड़ रुपये
  • यानी कुछ ही दिनों में सैकड़ों करोड़ का नया बोझ।

सबसे ज्यादा तबाही: मंडी और कांगड़ा

  • कुल्लू: 747 करोड़
  • शिमला: 454 करोड़
  • चंबा: 610 करोड़
  • ऊना: 607 करोड़
  • बिलासपुर: 326 करोड़
  • हमीरपुर: 599 करोड़
  • किन्नौर: 133 करोड़
  • लाहौल-स्पीति: 37 करोड़

मौत और तबाही का आंकड़ा

  • 340 लोगों की मौत
  • 41 लापता, 389 घायल
  • 27,663 पशु-पक्षी मारे गए

मकानों का हाल:

  • 4497 घर प्रभावित
  • 917 पूरी तरह ढहे
  • 3580 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त
  • 4008 गौशालाएं नष्ट

सड़कें और पानी की योजनाएं ठप

  • 1334 सड़कें बंद
  • लोक निर्माण विभाग को 2093 करोड़ का नुकसान
  • 777 पेयजल योजनाएं ठप
  • जल शक्ति विभाग को 1147 करोड़ की क्षति

कई गांवों में पीने के पानी की भारी समस्या।

खेती और बिजली पर असर

  • फसलें: 11.45 करोड़ की हानि
  • बागवानी: 27.43 करोड़ की तबाही
  • बिजली बोर्ड: 139 करोड़ का नुकसान
  • कई इलाकों में लंबे समय तक बिजली गुल

मौसम विभाग का अलर्ट

अभी खतरा टला नहीं है।

  • ऑरेंज अलर्ट: कांगड़ा, मंडी, सिरमौर, किन्नौर
  • येलो अलर्ट: ऊना, बिलासपुर
  • बाकी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना

राहत और बचाव कार्य

  • एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार काम कर रही हैं।
  • फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।
  • क्षतिग्रस्त सड़कों को बहाल करने की कोशिश जारी।

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा—
“आपदा से प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

आने वाली चुनौती

हिमाचल में इस बार का मानसून सिर्फ बारिश नहीं, बल्कि मौत और तबाही लेकर आया है।

  • हजारों करोड़ का नुकसान
  • सैकड़ों मौतें
  • लाखों लोग संकट में

अब राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौती है—
पुनर्वास और पुनर्निर्माण
और मौसम विभाग का नया अलर्ट बताता है कि स्थिति और बिगड़ सकती है।

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