भागलपुर सीट पर होगी जोरदार टक्कर

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आते ही हर सीट पर सियासी हलचल तेज हो गई है। खासकर भागलपुर विधानसभा सीट की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है।
यह सीट हमेशा से खास मानी जाती है, क्योंकि यहां बीजेपी और कांग्रेस का सीधा मुकाबला चलता आया है।

भागलपुर सीट क्यों है खास?

  • इतिहास में खास भूमिका:
    पिछले 73 वर्षों में भागलपुर से केवल बीजेपी (जनसंघ/जनता दल) और कांग्रेस ही विधायक चुनकर आए हैं।
  • अब तक हुए 18 विधानसभा चुनावों में दोनों पार्टियों ने बराबर-बराबर (9-9) बार जीत दर्ज की है।
  • प्रमुख चेहरे:
    • बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने 5 बार इस सीट पर जीत हासिल की।
    • पिछले तीन चुनावों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजीत शर्मा ने लगातार जीत दर्ज की।

पिछले चुनावों का समीकरण

  • 2015 और 2020 में अजीत शर्मा को विपक्ष की कलह और कमजोर उम्मीदवारों का फायदा मिला।
  • खासकर 2020 में चिराग पासवान की बगावत के कारण बीजेपी का वोट बैंक कमजोर पड़ा।
  • इसी वजह से कांग्रेस ने आसानी से जीत हासिल की थी।

इस बार गठबंधन का नया समीकरण

  • एनडीए गठबंधन:
    बीजेपी + जेडीयू + चिराग पासवान की पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़ रही है।
  • इंडिया गठबंधन:
    कांग्रेस + आरजेडी मिलकर मैदान में हैं।
  • जनसुराज फ्रंट:
    एक नया विकल्प बनकर सामने आया है, जो दोनों मुख्य गठबंधनों के वोट काट सकता है।

एनडीए की एकजुटता कांग्रेस की राह मुश्किल बना सकती है।

किसे मिलेगा टिकट?

  • कांग्रेस ने फिर से अजीत शर्मा को उम्मीदवार बनाने की योजना बनाई है।
  • बीजेपी से संभावित उम्मीदवार:
    • अर्जित शाश्वत चौबे या रोहित पांडे
      दोनों पहले अजीत शर्मा से हार चुके हैं, लेकिन इस बार उनके पास मजबूत गठबंधन का सहारा है।

आगे क्या?

भागलपुर विधानसभा सीट पर मुकाबला बेहद रोमांचक होने वाला है।

  • कांग्रेस चौथी जीत की कोशिश में है।
  • बीजेपी पुराने गढ़ को फिर से अपने कब्जे में करने की रणनीति बना रही है।
  • भागलपुर की जनता ने हमेशा बड़े नेताओं को चुना है।
    इस बार भी एक इतिहास बन सकता है।
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