प्रो.कीर्ति ने UPESSC अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC) की अध्यक्ष प्रोफेसर कीर्ति पांडेय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने गुरुवार को त्यागपत्र सौंपा और सरकार ने इसे तुरंत स्वीकार कर लिया। प्रो. पांडेय ने इस्तीफे का कारण सिर्फ निजी कारण बताया है।

कार्यकाल से पहले इस्तीफा

  • प्रो. पांडेय को 1 सितंबर 2024 को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था।
  • इस पद का कार्यकाल लगभग पाँच साल का होता है।
  • लेकिन उन्होंने समय से पहले इस्तीफा दे दिया।
  • उनके कार्यकाल में अभी लगभग दो साल बाकी थे।
  • यही वजह है कि उनका इस्तीफा चर्चा का विषय बन गया।

प्रो. कीर्ति पांडेय कौन हैं?

  • लंबे समय से गोरखपुर विश्वविद्यालय से जुड़ी हुई हैं।
  • 2011-2014: समाजशास्त्र विभाग की अध्यक्ष।
  • 2015-2017: यूजीसी मानव संसाधन विकास केंद्र में निदेशक।
  • शिक्षा और प्रशासन दोनों में उनका अनुभव समृद्ध और भरोसेमंद माना जाता है।
  • पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ उन्होंने कई बड़े पदों पर जिम्मेदारी निभाई।

इस्तीफे के बाद नई व्यवस्था

  • सरकार ने तुरंत आगे की योजना बनाई।
  • विशेष सचिव गिरिजेश कुमार त्यागी ने आदेश दिया कि आयोग के सबसे वरिष्ठ सदस्य को अस्थायी अध्यक्ष बनाया जाए।
  • जब तक नया अध्यक्ष नहीं आता, आयोग इसी व्यवस्था के तहत काम करता रहेगा।

इस्तीफा चर्चा में क्यों है?

  • UPESSC का काम प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती करना है।
  • आयोग तय करता है कि कौन से स्कूल या कॉलेज में कितनी भर्ती होगी और प्रक्रिया कैसी होगी।
  • इसलिए अध्यक्ष का पद बेहद अहम माना जाता है।
  • प्रो. पांडेय का अचानक इस्तीफा इसलिए सुर्खियों में आया।
  • उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय सिर्फ निजी कारणों से लिया गया और इसमें कोई विवाद या दबाव नहीं था।

शिक्षा जगत की प्रतिक्रिया

  • प्रो. पांडेय का इस्तीफा शिक्षा जगत में चर्चा का विषय बन गया।
  • उनके कार्यकाल में आयोग ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए।
  • शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि नए अध्यक्ष के सामने बड़ी जिम्मेदारी होगी।
  • उन्हें भर्ती प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाना होगा।

अब आगे क्या होगा?

  • सबसे बड़ा सवाल है कि नए अध्यक्ष की नियुक्ति कब होगी
  • फिलहाल वरिष्ठ सदस्य अस्थायी अध्यक्ष के रूप में काम संभाल रहे हैं।
  • स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति जल्द ही होने की संभावना है।
  • नया अध्यक्ष आयोग की दिशा और कामकाज तय करेगा, खासकर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर।

निष्कर्ष

प्रो. कीर्ति पांडेय का इस्तीफा दिखाता है कि कभी-कभी निजी कारण भी बड़े पद छोड़ने की वजह बन सकते हैं
उनका कार्यकाल पूरा नहीं हो पाया, लेकिन शिक्षा जगत में उनकी छवि ईमानदार और अनुभवी शिक्षिका की रही है।

अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि सरकार नया अध्यक्ष किसे बनाती है और आने वाले समय में आयोग कैसे काम करता है, जो प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है।

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