धमतरी का दिव्य मातंगी दरबार, जहाँ बदलता है समय

शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर देशभर के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले की कुरुद तहसील के जीजामगांव स्थित मातंगी माता मंदिर इस समय खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
यहाँ भक्त न सिर्फ देवी माँ के दर्शन करने आते हैं, बल्कि जीवन की मुश्किलों से छुटकारा पाने के लिए घड़ियाँ, ताले और जंजीरें भी चढ़ाते हैं।

मातंगी माता कौन हैं?

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मातंगी देवी पार्वती का एक रूप हैं और दस महाविद्याओं में से एक हैं।
  • इन्हें तंत्र-मंत्र की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है।
  • इसी वजह से जीजामगांव का यह मंदिर श्रद्धालुओं के बीच “दिव्य दरबार” के नाम से प्रसिद्ध है।

घड़ियों से बदलता है बुरा समय

  • इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत घड़ियाँ हैं।
  • हजारों घड़ियाँ मंदिर परिसर में लाल कपड़े में बंधी दिखाई देती हैं।
  • मान्यता है कि यहां घड़ी बांधने से व्यक्ति का बुरा समय खत्म होता है और शुभ समय शुरू होता है।
  • श्रद्धालु बताते हैं कि यहाँ घड़ी चढ़ाने के बाद उन्हें नौकरी, पढ़ाई और पारिवारिक जीवन में सफलता मिली है।

ताले और जंजीरों से दूर होती हैं बाधाएँ

  • मंदिर में ताले और जंजीरें चढ़ाने की परंपरा भी है।
  • माना जाता है कि ऐसा करने से भूत-प्रेत बाधा और नकारात्मक ऊर्जा मंदिर में ही बंध जाती है और भक्त मुक्त हो जाता है।
  • दीवारों और रेलिंगों पर बंधे हजारों ताले और जंजीरें इस आस्था का प्रमाण हैं।

देश-विदेश से आते हैं श्रद्धालु

  • इस मंदिर की ख्याति पूरे भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों तक फैली है।
  • मुंबई की श्रद्धालु चिंकी जोशी बताती हैं कि उन्हें गंभीर स्पाइन समस्या थी, लेकिन मंदिर आने के बाद राहत मिली।
  • एक अन्य श्रद्धालु का कहना है कि पति के इलाज के लिए डॉक्टरों ने 40 लाख रुपये मांगे थे, लेकिन मातंगी दरबार आने के बाद संकट टल गया।

पर्चा निकालने की परंपरा

  • इस मंदिर में बागेश्वर धाम की तरह पर्चा निकाला जाता है।
  • यहाँ के महाराज श्रद्धालुओं की समस्याएँ सुनकर पर्चे में न सिर्फ उनके अतीत और वर्तमान का जिक्र करते हैं, बल्कि भविष्य की चुनौतियों की ओर भी संकेत देते हैं।
  • भक्त मानते हैं कि इससे उनकी परेशानियाँ काफी हद तक हल हो जाती हैं।

घंटियों से गूंजता दरबार

  • मंदिर में प्रवेश करते ही हजारों घंटियों की गूंज भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव कराती है।
  • हर श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी होने की आशा से घंटी चढ़ाता है।

आस्था और चमत्कार का संगम

धमतरी का मां मातंगी दरबार आज श्रद्धा, विश्वास और समाधान का प्रतीक बन चुका है।
घड़ियों से समय बदलने की परंपरा हो या ताले-जंजीरों से बाधाएँ बाँधने की मान्यता —
यह मंदिर हर उस भाव को दर्शाता है, जो इंसान को ईश्वर से जोड़ता है।

यहाँ आस्था और चमत्कार एक साथ मिलकर भक्तों के जीवन में नई दिशा और नई रोशनी भरते हैं।

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