कर्मचारियों के लिए नियमितीकरण का रास्ता साफ

उत्तराखंड सरकार ने आखिरकार वह ऐतिहासिक कदम उठा लिया है जिसका इंतजार हजारों संविदा, दैनिक वेतनभोगी और तदर्थ कर्मचारियों को वर्षों से था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने संशोधित विनियमितीकरण नियमावली-2025 को अधिसूचित कर दिया है।
अब 10 साल की निरंतर सेवा पूरी करने वाले कर्मचारी नियमितीकरण के पात्र होंगे।
धामी सरकार का निर्णायक कदम
शुक्रवार को राज्य सरकार ने नियमावली-2013 में बड़ा संशोधन करते हुए नई विनियमितीकरण नियमावली-2025 जारी की है।
कार्मिक सचिव शैलेश बगोली की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया।
कौन-कौन कर्मचारी होंगे पात्र?
- दैनिक वेतनभोगी
- कार्य प्रभारित कर्मचारी
- संविदा कर्मचारी
- नियत वेतन कर्मचारी
- अंशकालिक कर्मचारी
- तदर्थ कर्मचारी
इन सभी श्रेणियों के कर्मचारी, यदि उन्होंने 4 दिसंबर 2018 तक 10 साल की निरंतर सेवा पूरी की है और अन्य शर्तें भी पूरी करते हैं, तो वे नियमित किए जा सकेंगे।
पुरानी 5 साल वाली नियमावली क्यों रुकी थी?
2013 की नियमावली के मुताबिक नियमितीकरण के लिए कम से कम 5 साल की सेवा जरूरी थी।
लेकिन इस नियम पर उत्तराखंड हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी।
कोर्ट का तर्क था कि 5 साल की सीमा कई कर्मचारियों के साथ अन्याय कर सकती है।
यही कारण था कि 2018 से मामला अटका पड़ा था।
नई नियमावली-2025 में क्या बदला?
✔ पात्रता तिथि
4 दिसंबर 2018
✔ आवश्यक सेवा अवधि
10 साल की निरंतर सेवा
✔ लाभार्थी
सभी संविदा, दैनिक वेतनभोगी और समान श्रेणियों के कर्मचारी
नई नियमावली को हाई कोर्ट की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत बनाया गया है।
किन-किन कर्मचारियों को मिलेगा सीधा फायदा?
इस फैसले से हजारों कर्मचारियों का रास्ता साफ हो गया है, जिनमें शामिल हैं:
- स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारी
- शिक्षा विभाग के अतिथि व संविदा शिक्षक
- पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, वन विभाग के दैनिक वेतनभोगी
- जिलों में तदर्थ रूप से कार्यरत कर्मचारी
- कार्यालय सहायक, कंप्यूटर ऑपरेटर, डेटा एंट्री ऑपरेटर
यह फैसला इन कर्मचारियों के लिए रोजगार स्थिरता और भविष्य सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
नियमितीकरण की प्रक्रिया कैसे चलेगी?
नोटिफिकेशन के बाद विभागों में प्रक्रिया शुरू होगी:
- हर विभाग अपनी कर्मचारी सूची तैयार करेगा
- दस्तावेज़ और सेवा अवधि का सत्यापन होगा
- पात्र कर्मचारियों की एक नियमितीकरण सूची बनेगी
- चयन समिति अंतिम मंजूरी देगी
इस पूरी प्रक्रिया में कुछ हफ्ते से कुछ महीने लग सकते हैं।
UPNL कर्मचारियों की उम्मीदें भी बढ़ीं
नोटिफिकेशन के बाद UPNL कर्मचारी भी अपनी नियमितीकरण की मांग जोर से उठा रहे हैं।
उनका कहना है कि:
- वे भी वर्षों से सेवा में हैं
- उन्हें भी संविदा श्रेणी में शामिल किया जाए
- सरकार इस पर गंभीरता से विचार करे
नई नियमावली से उनकी उम्मीदें और बढ़ गई हैं
सरकार का दृष्टिकोण
धामी सरकार का कहना है कि नई नियमावली से:
- विभागों की कार्य क्षमता बढ़ेगी
- कर्मचारियों में स्थिरता और संतोष आएगा
- कोर्ट केस और नियुक्ति विवाद कम होंगे
- सेवा शर्तें स्पष्ट होंगी
सरकार इसे कर्मचारी हित और प्रशासनिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम बता रही है।

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