ऋषिकेश-नीलकंठ महादेव रोपवे प्रोजेक्ट को केंद्र से मंजूरी

उत्तराखंड के बेहद महत्वपूर्ण और लंबे समय से प्रतीक्षित ऋषिकेश–नीलकंठ महादेव रोपवे को आखिरकार केंद्र सरकार से फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिल गई है। नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्डलाइफ (NBWL) की स्वीकृति के बाद अब यह प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ेगा। राज्य सरकार इसे पर्यटन विकास का बड़ा कदम मान रही है, और लाखों श्रद्धालुओं को आने वाले समय में बड़ी राहत मिलने वाली है।

केंद्र की मंजूरी के बाद अगले कदम

जैसे ही फॉरेस्ट क्लीयरेंस की खबर आई, कार्यदायी संस्था उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन सक्रिय हो गई।
अधिकारियों के अनुसार:

  • NBWL से मंजूरी की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली है।
  • आधिकारिक पत्र आने में 15–20 दिन लगेंगे।
  • पत्र मिलते ही प्रोजेक्ट की अगली औपचारिकताएं तुरंत शुरू कर दी जाएंगी।

सभी औपचारिकताएं पूरी — अब शुरू होगा निर्माण

राज्य सरकार पहले ही इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे चुकी थी।
अब केंद्र की अंतिम मंजूरी मिलते ही:

  • निर्माण में कोई औपचारिक बाधा नहीं बची है।
  • आने वाले महीनों में रोपवे का काम जमीन पर दिखने लगेगा।
  • सरकार इसे पर्यटन क्षेत्र की “बड़ी उपलब्धि” मान रही है।

2020 में शुरू हुई थी प्रोजेक्ट की कहानी

नीलकंठ रोपवे की शुरुआत वर्ष 2020 में UMTA की बैठक में फिजिबिलिटी रिपोर्ट की स्वीकृति से हुई थी।
इसके बाद:

  • भारतीय पोर्ट रेल एवं रोपवे कॉरपोरेशन लिमिटेड के साथ MOU साइन हुआ।
  • 9 मई 2023 को उत्तराखंड कैबिनेट ने इसे औपचारिक मंजूरी दी।
  • फॉरेस्ट क्लीयरेंस के लिए प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था।
  • अब मंजूरी मिलते ही प्रोजेक्ट निर्णायक चरण में पहुंच चुका है।

प्रोजेक्ट का डिज़ाइन: कितना लंबा होगा रोपवे?

  • लंबाई: 4.1 किलोमीटर
  • ऊँचाई: लगभग 614 मीटर
  • टावर: कुल 21 टावर निर्माण प्रस्तावित
  • शुरुआत: ऋषिकेश त्रिवेणी घाट/बस अड्डे के पास
  • अंत: नीलकंठ महादेव मंदिर परिसर

इस रोपवे से यात्रियों को अब संकरी और घुमावदार सड़कों से चढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी। सफर बेहद सुगम और तेज हो जाएगा।

स्थानीय युवाओं के लिए नए रोजगार

रोपवे प्रोजेक्ट से:

  • स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
  • पर्यटन से संबंधित सेवाओं का विस्तार होगा
  • आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी

सरकार का मानना है कि इससे ऋषिकेश–नीलकंठ क्षेत्र एक नया पर्यटन हब बनकर उभरेगा।

पर्यावरण के अनुकूल, प्रदूषण मुक्त परिवहन

यह प्रोजेक्ट पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है:

  • वाहन प्रदूषण में कमी आएगी
  • प्राकृतिक पहाड़ी दृश्यों के बीच सुरक्षित यात्रा मिलेगी
  • बुजुर्गों, दिव्यांगों व बच्चों के लिए यात्रा बेहद आसान होगी

पर्यटन को मिलेगा बड़ा बढ़ावा

नीलकंठ महादेव मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है।
रोपवे बनने के बाद:

  • पहुंच सुविधा कई गुना बढ़ेगी
  • ऋषिकेश का धार्मिक पर्यटन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत होगा
  • पर्यटन नीति में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा
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