अवैध चमड़ा फैक्ट्रियों ने जीना किया दूभर

राजधानी लखनऊ से सटे उन्नाव में अवैध चमड़े की फैक्ट्रियां प्रदूषण नियंत्रण विभाग के रहमो करम पर फल फूल रही है.फैक्ट्रियों से निकलने वाला जहरीला धुंआ पर्यावरण में जहर घोल रहा है बड़ी बड़ी चिमनिया लगा कर चमड़ा फैक्ट्री सारा धुंआ बिना फिल्टर किये सीधे छोड़ रही है जिससे आस पास के ग्रमीणों को बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है यहाँ तक लोगो को सांस लेने में भी दिक्कतें हो रही है.कई बार प्रशासन को जानकारी देने के बाद भी सिर्फ इन हवाओं को जहरीली बनाने वाली अवैध चमड़े की फैक्ट्रियों पर कार्यवाही खाना पूर्ति कर छोड़ दिया गया.

Pollution Board अधिकारी के चेहरे हुए बेनकाब

उन्नाव के औधोगिक क्षेत्र दही और जाजमऊ के पास के गांवों में दर्जनों ग्लू भट्ठियां जहरीला धुंआ उगल रही है। जैविक खाद के नाम पर अवैध ग्लू भट्ठियां अवैध तरह से धधक रही है। जिससे करीब एक दर्जन गांव के ग्रामीण त्रस्त है और तमाम बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं…गंगाघाट थाना क्षेत्र के अंर्तगत डाकारी, त्रिभुवन खेडा, कर्मिबिजलामऊ, समेत तकरीबन एक दर्जन गांव अवैध ग्लू भट्ठियां से प्रभावित है। रात को सोने के बाद सुबह उठते ही लोगो के घर के छतों पर चिमनियों से निकलने वाला जहरीला धुंए की राख फैली दिखाई देती है,और ग्लू भट्ठियो के आसपास किसानों की सैकडो बीघे फसले भी तबाह हो जाती है।  उसके बावजूद भी ग्लू भट्ठियां धड़ल्ले से चल रही है..ग्लू भठ्ठियों को संचालित कराने में गाँव के प्रधानों ने ठेका ले रखा है  जिससे ग्लू भट्ठियो के को संचालक के बाद नोटो का बंडल Pollution Board अधिकारी से लेकर ऊपर तक हिस्सा बांट कर ग्रामीण जरीले धुंए के बीच ज़िंदगी जीने को मजबूर है।

Pollution Board अधिकारी का सबसे बड़ा स्टिंग ऑपरेशन..?

आप को बता दे ग्लू भठ्ठियों में चमड़ा उबाला जाता है और चमड़े का जहरीला धुंआ फैक्ट्रियों में लगी चिमनियों से बिना फिल्टर के निकलकर हवा में मिलकर पर्यावरण को दूषित और जहरीला बना रहा है जिससे आस पास के ग्रामीणों को बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है… वही पर जब इन अवैध फैक्ट्रियों को लेकर प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारी अनिल माथुर से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कैमरे पर आने से साफ तौर से मना कर दिया लेकिन हमारे खुफिया कैमरे से नही बच पाए…हमारे स्टिंग ऑपरेशन में वो साफ तौर पर बोलते दिखाई दिए कि 11 फैक्ट्रियां है जिनमे से 10 को लाइसेंस दिया गया है 1 गलत तरीके से चल रही है उस पर नोटिस भेजने का कार्य जल्द ही किया जायेगा.

ग्रामीण दहशत में आकर हमारे कैमरे पर कुछ भी बताने को तैयार नही..?

परमिशन के नाम पर अवैध काले कारोबार को अनिल माथुर बखूबी अंजाम दे रहा है. उन्नाव में तैनात  Pollution Board अधिकारी अनिल माथुर भ्रष्टाचार में संलिप्त जनपद को (आल ईज वेल) करने का दावा कर रहा है। पर हमारे स्टिंग ऑपरेशन ने भ्रष्टाचारी के चेहरे को बेनाकब कर दिया Pollution Board अधिकारी ने हमारे स्टिंग ऑपरेशन में बताया कि गाँव के ही दो प्रधान मिलकर ग्लू भट्ठियां चलवा रहे है, जिससे चमड़े का कॉटन जलाया जाता है और इसी वजह से जहरीले धुएं से दुर्गंध उठती है। और साहब इसी दुर्गंध फैलाने वाली अवैध फैक्टरियों से मोटी रकम वसूल करता है। यही नही साहब ने हमारे स्टिंग यहां तक बताया कि फैक्ट्रियों के पास प्रमुख सचिव जैसे बड़े अधिकारी भी आते है। सवाल यह है कि Pollution Board अधिकारी ही एन जीटी के सारे नियम कानून को ताक पर रख कर अवैध काले कारनामो में बढ़ावा दे रहे है आखिर सरकार ऐसे भ्रष्ट अधिकारी पर कार्यवाही कब करेगी. अब सवाल तो यह उठता है कि जिन 10 फैक्ट्रियों को लाइसेंस दिया गया है क्या उन फैक्ट्रियों को पर्यावरण को जहरीला बनाने का लाइसेंस दिया गया है.?साहब को जानकारी है कि अवैध फैक्ट्रियां संचालित हो रही है लेकिन उन पर कार्यवाही के बजाए उन्हें संरक्षण देने का कार्य क्यो किया जा रहा है.?आखिर फैक्ट्रीयों के आस पास बसे गावो के ग्रामीणों की जिंदगी से ऐसा खिलवाड़ कब तक चलता रहेगा कब तक गाँव के ग्रामीणों की जान खतरे में रहेगी.?

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