अवध ओझा ने राजनीति से संन्यास लिया

मशहूर टीचर और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा ने अचानक राजनीति से संन्यास ले लिया है। उन्होंने आप (AAP) से भी रिश्ता तोड़ दिया। इसी साल उन्होंने दिल्ली की पटपड़गंज विधानसभा से AAP के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें भारी अंतर से हार मिली।

राजनीति छोड़ने के बाद ओझा बोले—“अब मन की बात खुलकर कह सकता हूं”

राजनीति से दूरी बनाने के बाद अवध ओझा ने एक पॉडकास्ट में खुलकर कहा कि अब वे पहले से ज्यादा खुश हैं।
उनके मुताबिक—

  • राजनीति में रहते हुए वे खुलकर अपनी बात नहीं कह पाते थे
  • पार्टी की तरफ से फोन आता था—क्या बोलना है, क्या नहीं बोलना
  • हर वक्त एक दबाव रहता था
  • अब वे स्वतंत्र हैं और अपनी सोच खुले रूप में रख सकते हैं

उन्होंने कहा—

“अब जो मन करेगा वो बोलूंगा, कोई मना करने वाला नहीं है। राजनीति मेरे लिए नहीं थी।”

चुनाव में मिली हार के बाद लिया बड़ा फैसला

पटपड़गंज सीट पर हुए चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार रविंदर सिंह नेगी ने उन्हें बड़े अंतर से हराया।

  • रविंदर सिंह नेगी: 74,060 वोट
  • अवध ओझा: 45,988 वोट (दूसरे स्थान पर)
  • अनिल कुमार (कांग्रेस): 16,549 वोट

हार के बाद ओझा ने महसूस किया कि राजनीति उनकी राह नहीं है, इसलिए उन्होंने फिर से अपने पुराने जीवन—शिक्षण और मोटिवेशन—की ओर लौटने का निर्णय लिया।

कौन हैं अवध ओझा?

UPSC तैयारी से देश के लोकप्रिय शिक्षक तक का सफर

  • जन्म: 3 जुलाई 1984, गोंडा (उत्तर प्रदेश)
  • IAS बनने का सपना लेकर दिल्ली पहुंचे
  • कई प्रयासों के बाद UPSC में सफलता नहीं मिली
  • कोचिंग संस्थानों में पढ़ाना शुरू किया
  • अनोखे अंदाज़ से पढ़ाने की वजह से छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय हुए
  • आज देश के सबसे चर्चित UPSC शिक्षकों में से एक
  • सोशल मीडिया पर भी उनकी विशाल फॉलोइंग है
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