SCO शिखर सम्मेलन में भारत की बड़ी जीत

चीन के तियानजिन में हुए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भारत ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद और व्यापार पर जो बातें रखीं, वो सीधे तौर पर अमेरिका को कड़ा संदेश थीं। खास बात यह रही कि इस पूरे घटनाक्रम में ट्रंप वही करते दिखे, जो चीन चाहता था।

पीएम मोदी ने आतंकवाद और प्रभुत्व पर साधा निशाना

प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन में स्पष्ट कहा:

“कुछ देश आतंकवाद को खुला समर्थन दे रहे हैं। क्या हम इसे नजरअंदाज कर सकते हैं?”

इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका की संरक्षणवादी (protectionist) और प्रभुत्ववादी (dominance-driven) नीतियों पर भी हमला बोला। उन्होंने बिना नाम लिए कहा:

“एकतरफा सोच और प्रभुत्व की नीति, वैश्विक संतुलन के लिए खतरनाक है।”

यह साफ संकेत था कि भारत अब वैश्विक मुद्दों पर अमेरिका की नीतियों से इत्तेफाक नहीं रखता।

अमेरिका से बढ़ी दूरी, चीन से बढ़ी नजदीकी?

कुछ समय पहले तक भारत और अमेरिका के रिश्ते बेहद मजबूत थे। लेकिन हाल के महीनों में:

  • अमेरिका ने पाकिस्तान का समर्थन किया
  • भारत पर टैरिफ बढ़ाए
  • और वीजा नियमों को सख्त किया

इन फैसलों से भारत और अमेरिका के रिश्तों में खटास आई है। चीन चाहता था कि भारत अमेरिका से दूर हो, और ट्रंप की नीतियों ने वही किया।

भारत-चीन-रूस: एक नया गठजोड़?

SCO सम्मेलन में भारत, चीन और रूस की तिकड़ी पूरी दुनिया की नजरों में रही।
तियानजिन में प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन के बीच बनी अच्छी केमिस्ट्री ने अमेरिका के लिए चिंता बढ़ा दी।

ये तीनों देश अगर साथ आते हैं, तो वैश्विक संतुलन पूरी तरह बदल सकता है।

अमेरिका में भी ट्रंप की हो रही आलोचना

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने बयान दिया:

“ट्रंप की नीतियां भारत को चीन की तरफ धकेल रही हैं।”

उन्होंने कहा कि अमेरिका का ब्रांड कमजोर हो रहा है और भारत जैसे देश अब बीजिंग को विकल्प मानने लगे हैं।

भारत की रणनीति: संतुलन और समझदारी

भारत किसी एक खेमे में शामिल नहीं हो रहा है। उसने:

  • चीन की सैन्य परेड में शामिल होने से इनकार किया, ताकि जापान जैसे क्वाड सहयोगियों को नाराज़ न करे
  • BRICS और SCO जैसे मंचों को भी मजबूत करने का प्रयास किया
  • और अमेरिकी दबाव से खुद को दूर रखा

भारत की नीति है – संतुलित कूटनीति, स्पष्ट प्राथमिकताएं।

निष्कर्ष: भारत का नया वैश्विक रुख

SCO शिखर सम्मेलन से साफ हो गया है कि:

  • भारत अब किसी देश की दबाव वाली नीति नहीं मानेगा
  • वह अपने हितों को सबसे ऊपर रखेगा
  • और वैश्विक मंचों पर अपनी आवाज मजबूती से उठाएगा

न अमेरिका के अधीन, न चीन के अधीन – भारत अब खुद के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है।

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