PM मोदी ने 19 साल के वेदमूर्ति देवव्रत को दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 साल के वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने जो साधना की है, उसे आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी। सोशल मीडिया पर उनके पोस्ट के बाद यह युवा वेदविद एकदम से सुर्खियों में आ गए।
हालांकि, काशी में उनकी चर्चा पहले से ही थी — क्योंकि उन्होंने शुक्ल यजुर्वेद की माध्यंदिनी शाखा के 2000 मंत्रों का कठिन ‘दंडक्रम पारायण’ बिना गलती के पूरा कर लिया था। यह पाठ लगातार 50 दिनों तक बिना रुके चला, और इसे वैदिक विद्वानों ने पूरी तरह त्रुटि-रहित घोषित किया है।
दंडक्रम पारायण — इतनी बड़ी उपलब्धि क्यों?
- दुनिया में अब तक सिर्फ दो बार ही यह पाठ पूरा हुआ है।
- पहली बार करीब 200 साल पहले, नासिक में वेदमूर्ति नारायण शास्त्री देव ने इसे पूरा किया था।
- दूसरी बार अब काशी में, वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे ने।
वल्लभराम शालिग्राम सांगवेद विद्यालय, रामघाट में 2 अक्टूबर से शुरू हुआ यह पाठ 30 नवंबर को पूरा हुआ। उन्हें सम्मान स्वरूप सोने का ब्रेसलेट और ₹1,01,116 की राशि प्रदान की गई।
दंडक्रम पारायण इतना कठिन क्यों माना जाता है?
‘दंडक्रम’ शुक्ल यजुर्वेद के लगभग 2000 मंत्रों का एक विशेष पाठ है।
श्रृंगेरी मठ के मुताबिक, इसे वेद-पाठ की ‘मुकुट-मणि’ कहा जाता है, क्योंकि—
- इसमें मंत्रों को सीधा और उल्टा, दोनों क्रम में पढ़ना होता है।
- हर मंत्र की ध्वनियों और स्वर-पैटर्न में ज़रा भी गलती की गुंजाइश नहीं होती।
- पूरे पाठ में 1 करोड़ (10 million) से अधिक शब्दों का उच्चारण होता है।
दिल्ली के ओरिएंटल स्टडीज़ इंस्टीट्यूट के निदेशक जीत राम भट्ट बताते हैं कि वेद-पाठ के आठ प्रकार होते हैं, और दंडक्रम उनमें सबसे जटिल है।
इसमें मंत्रों को क्रम से ऐसे पढ़ा जाता है —
- पहले श्लोक → फिर पहले + दूसरा
- फिर पहले + दूसरा + तीसरा
- फिर उसी क्रम को उल्टा दोहराना
- यही चक्र पूरे 2000 मंत्रों तक चलता है
यह एक अत्यंत अनुशासन, स्मृति और साधना की मांग करने वाली प्रक्रिया है।
PM मोदी ने क्या कहा?
PM मोदी ने अपनी पोस्ट में लिखा—
“वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे ने जो किया है, वह गर्व की बात है। उन्होंने शुक्ल यजुर्वेद की माध्यंदिनी शाखा के 2000 मंत्रों का पाठ 50 दिनों में बिना किसी गलती के पूरा किया। यह गुरु परंपरा का श्रेष्ठ उदाहरण है।”
उन्होंने काशी में इस आयोजन के सफलतापूर्वक होने पर भी खुशी जताई और वेदमूर्ति देवव्रत के परिवार व सभी आचार्यों को शुभकामनाएं दीं।
कौन हैं वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे?
- मूल रूप से अहिल्या नगर, महाराष्ट्र के रहने वाले
- उनके पिता— वेदमूर्ति ब्रह्मश्री महेश चंद्रकांत रेखे
- वर्तमान में काशी के सांगवेद विद्यालय में वेदाध्ययन
- रोज सुबह 8 बजे से 12 बजे तक लगातार दंडक्रम का अभ्यास करते थे
उनकी इस साधना और समर्पण ने उन्हें युवा वेदविदों में एक विशेष स्थान दिला दिया है।

News World India is India’s Fastest Growing News channel known for its quality programs, authentic news, and reliable breaking news. News World India brings you 24/7 Live Streaming, Headlines, Bulletins, Talk Shows, Infotainment, and much more.
Watch minute-by-minute updates of current affairs and happenings from India and all around the world!
