अनशन पर बैठ ही गए पायलट..कहीं राजस्थान की सियासत न जाए पलट..

Pilot on hunger strike

Pilot on hunger strike: राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट एक दिन के अनशन पर बैठे हुए हैं। सचिन सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक जयपुर के शहीद स्मारक में मौजूद रहेंगे। साथ ही इस दौरान सूबे के पूर्व डिप्टी सीएम मौन भी रहेंगे। पायलट अपनी ही सरकार की नीतियों के खिलाफ अनशन पर हैं।

वहीं सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को मंत्री परिषद की बैठक बुलाई है। जिसके बाद न केवल राजस्थान बल्कि देशभर में सियासी उबाल तेज हो गया है। साथ ही दोनों की अनबन को लेकर कई तरह के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं।

समर्थक विधायकों को रखा है अनशन से दूर

वहीं अनशन स्थल पर पायलट के समर्थक विधायकों को दूर रखा गया है। लेकिन स्मारक पर भारी तादाद में पायलट समर्थक मौजूद हैं। इतना ही नहीं मंच पर लगे पोस्टरों पर किसी भी राजनीतिक चेहरे को जगह नहीं दी गई है।

राजस्थान सरकार के भीतर ही राजनीति गरमाई हुई है, इस बात के भी कयास तेज हो गए हैं। क्योंकि अनशन (Pilot on hunger strike) शुरू होने के कुछ क्षण बाद ही मुख्यमंत्री गहलोत ने एक वीडियो जारी किया। जिसमें उन्होंने राजस्थान को साल 2030 तक देश का नम्बर वन राज्य बनाने को लेकर बात की है।

पायलट के सपोर्ट में AAP

आम आदमी पार्टी के राजस्थान चुनाव प्रभारी विनय मिश्रा ने सचिन पायलट के अनशन को लेकर ट्वीट किया है.

राज्य में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को भ्रष्ट बताते हुए लिखा, ‘सबसे भ्रष्ट और निकम्मी सरकार राजस्थान की कांग्रेस सरकार है। इतनी भ्रष्ट की इनके अपने ही सरकार का एक बेहद ही पढ़ा लिखा युवा नेता सचिन पायलट आज भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन पर बैठे हैं। सोचिए उनकी ही सरकार ने उन्हें कितना मजबूर किया होगा अनशन करने को. अब राजस्थान को विकल्प चाहिए।’

सचिन पायलट ने 9 अप्रैल को एक प्रैस कॉन्फ्रेंस में अपनी ही सरकार के खिलाफ सवाल खड़े किए थे।

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