MP को मिला राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस स्वर्ण पुरस्कार 2025

भारत सरकार ने मध्यप्रदेश को “राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस स्वर्ण पुरस्कार 2025” से सम्मानित किया है। इस उपलब्धि पर राज्य के कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मंत्रालय में एकत्रित हुए।

उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने इस सम्मान को राज्य की जनता और सरकार के संयुक्त प्रयासों का परिणाम बताया। समारोह में कैबिनेट सदस्यों और अधिकारियों ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उन्हें बधाई दी और डिजिटल सेवाओं को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

संपदा-2: मध्यप्रदेश की डिजिटल पहल

  • मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने ई-पंजीयन व्यवस्था लागू की।
  • संपदा-2 पोर्टल के जरिए भूमि और संपत्ति से जुड़े कार्य पूरी तरह ऑनलाइन हो गए।
  • इस व्यवस्था से:
    • भ्रष्टाचार की संभावना कम हुई
    • समय की बचत हुई
    • नागरिकों को तेज़ और पारदर्शी सेवाएं मिलीं

पुरस्कार का महत्व

राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार उन राज्यों और संस्थाओं को दिया जाता है जिन्होंने डिजिटल नवाचार और सरकारी सेवाओं में उत्कृष्टता दिखाई हो।

  • मध्यप्रदेश को यह पुरस्कार ई-पंजीयन और संपदा-2 प्रणाली के लिए मिला।
  • यह उपलब्धि न सिर्फ राज्य की डिजिटल सफलता है, बल्कि नागरिकों को भरोसेमंद सेवाएं देने की दिशा में प्रेरक कदम भी है।

उपमुख्यमंत्री का संदेश

जगदीश देवड़ा ने कहा—

“संपदा-2 पोर्टल पारदर्शी और सरल सेवाओं की मिसाल है। यह केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि नागरिकों के जीवन को सरल बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।”

उन्होंने आगे कहा कि सरकार इस प्रणाली को और अधिक सुलभ, तेज़ और भरोसेमंद बनाने के लिए लगातार प्रयास करेगी।

कैबिनेट की सराहना

  • मंत्रियों और अधिकारियों ने इस उपलब्धि पर खुशी जताई।
  • सभी ने माना कि मध्यप्रदेश की पहल अन्य राज्यों के लिए उदाहरण है।
  • कैबिनेट बैठक से पहले हुए समारोह में डिजिटल सेवाओं को और मजबूत करने का संकल्प लिया गया।

डिजिटल इंडिया की दिशा में योगदान

  • संपदा-2 प्रणाली, भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन को भी मजबूत कर रही है।
  • इससे सरकारी सेवाओं में:
    • पारदर्शिता
    • दक्षता
    • त्वरित पहुंच
      सुनिश्चित हुई है।

भविष्य की योजनाएं

मध्यप्रदेश सरकार अब संपदा-2 को और आधुनिक बनाने जा रही है।

  • मोबाइल एप्लिकेशन
  • ऑनलाइन भुगतान प्रणाली
  • रियल टाइम ट्रैकिंग
  • नागरिकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम

इन सुविधाओं से यह पोर्टल हर जिले में पूरी तरह सुलभ होगा।

नतीजा

मध्यप्रदेश का यह सम्मान केवल एक पुरस्कार नहीं, बल्कि राज्य सरकार की नागरिक-केंद्रित और पारदर्शी नीतियों का प्रतीक है।

यह पहल पूरे देश के लिए एक उदाहरण है कि कैसे डिजिटल नवाचार और सरकारी प्रयास मिलकर नागरिक सेवाओं में तेजी और भरोसेमंद बदलाव ला सकते हैं।

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