CM रेखा गुप्ता का भाषाई और सांस्कृतिक गर्व पर जोर

मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने आज दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित ‘संवादी दिल्ली उत्सव – अभिव्यक्ति का’ कार्यक्रम में महत्वपूर्ण विचार साझा किए।
उन्होंने कहा कि हमें अपनी भाषा और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए

“हमें कभी भी अपनी मातृभाषा या सांस्कृतिक विरासत को हीन भाव से नहीं देखना चाहिए। गुलामी और अंग्रेज़ी शासन की बेड़ियों से आज़ादी के बाद हमें अपनी समृद्ध विरासत को अपनाकर संजोना है।”

हिंदी हमारी आत्मा की भाषा

सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि हिंदी मिट्टी की भाषा है, मन की भाषा है।
मातृभाषा में भावनाओं को व्यक्त करने का सुख किसी अन्य भाषा में संभव नहीं।
उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह के आयोजन भाषा और संस्कृति को जोड़े रखने का बेहतरीन माध्यम हैं।

प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा गुलामी की निशानियों को मिटाने और देश को नई पहचान देने के संकल्प का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा:

“हम सभी भारतीयों की जिम्मेदारी है कि हम अपनी भाषा और संस्कृति को संजोएं और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं।”

प्रेरणादायी उदाहरण

सीएम ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के संयुक्त राष्ट्र में हिंदी भाषण को याद किया,
जब पूरी दुनिया ने उनकी हिंदी में प्रस्तुत भाषण की सराहना की थी।
इसके अलावा उन्होंने उत्तराखंड समुदाय की पहल की भी प्रशंसा की, जिसमें गढ़वाली और कुमाऊंनी जैसी क्षेत्रीय भाषाएं बच्चों को सिखाई जा रही हैं।

“यह मातृभाषा और संस्कृति से जुड़े रहने का प्रेरक उदाहरण है।”

कार्यक्रम में उपस्थित लोग

इस कार्यक्रम में उपस्थित थे:

  • दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति श्री योगेश सिंह
  • मिरांडा हाउस कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर विजयलक्ष्मी नंदा
  • मीडिया संस्थान के प्रतिनिधि
  • अनेक प्राध्यापक, शोधार्थी और विद्यार्थी।

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया कि
भाषा और संस्कृति हमारी पहचान हैं।
इन्हें आगे बढ़ाना हर भारतीय की जिम्मेदारी है।

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