ऐसी फिल्मों पर हो सकती है 3 साल की सज़ा!

Cinematography: ऐसी फिल्मों पर हो सकती है 3 साल की सज़ा

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Cinematography Bill: संसद का मॉनसून सत्र मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर सुर्खियां बटोर रहा है. इस बीच राज्यसभा में एक बिल पास हुआ है जो देश में बन रही फिल्म, उनके प्रदर्शन के अनुभव को पूरी तरह बदल सकता है. सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक, 2023 के साथ सरकार ने पाइरेसी कल्चर को रोकने के लिए अहम कदम उठाया है और अब ऐसे मामलों में 3 साल तक की सजा का प्रावधान बना दिया है. इस बिल को अगर राष्ट्रपति की मंजूरी मिलती है, तो ये नियम कानून में तब्दील हो जाएंगे. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा पेश इस बिल में क्या खास है और कैसे यह बड़े बदलाव कर सकता है समझिए.

क्या है सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) बिल?

Cinematography Bill: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में 20 जुलाई 2023 को इस बिल को पेश किया, इसका मकसद सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक 1952 में बदलाव करना है. बिल के जरिए देश में फिल्मों की पाइरेसी और फिल्मों को मिलने वाले सर्टिफिकेट में बदलाव किया गया है. साथ ही कोई फिल्म की अगर पाइरेटेड कॉपी बनाई जाती है, तो प्रोडक्शन हाउस पर जुर्माना और 3 साल तक की जेल का प्रावधान भी तय किया गया है. अभी इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलना बाकी है.

इस बिल में क्या-क्या नया है?

Cinematography Bill: सिनेमैटोग्राफ बिल का पुराना वर्जन को कई दशक बीत चुके थे, इस दौरान सुप्रीम कोर्ट, अदालतों और सरकार द्वारा फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई फैसले, बदलाव किए गए हैं ऐसे में कानून में बदलाव की जरूरत थी. मौजूदा जरूरतों और भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने इस बिल को पेश किया है.नए बिल में सेंसर बोर्ड को अधिक ताकतें दी गई हैं, अब बोर्ड किसी फिल्म को प्रदर्शित करने से पूरी तरह रोक सकता है. किसी भी फिल्म को मिलने वाला सर्टिफिकेट अब 10 साल की बजाय हमेशा के लिए मान्य होगा. नए बिल में फिल्मों को मिलने वाले सर्टिफिकेट को भी अलग-अलग स्तर पर बांटा गया है.

टीवी के लिए अलग से मिलेंगे सर्टिफिकेट

Cinematography Bill: किसी भी फिल्म या शो को अगर टीवी पर प्रदर्शित करना होता है तो उसके लिए केबल टेलिविजन नेटवर्क (रेगुलेशन) एक्ट, 1995 के तहत ही प्रदर्शित किया जाता है. अब नए बिल में कुछ बदलाव हुए हैं, अगर किसी फिल्म को A या S सर्टिफिकेट दिया गया है तो उसे टीवी पर फिल्म दिखाने के लिए अलग से सर्टिफिकेट लेना होगा. CBFC टीवी के लिए फिल्म में कुछ बदलाव भी करवा सकता है.

पाइरेसी या फिल्म चोरी पर क्या होगा?

Cinematography Bill: फिल्मी दुनिया की सबसे बड़ी शिकायत फिल्मों की पाइरेसी को लेकर रही है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बिल को लेकर जब राज्यसभा में अपनी बात कही तब उन्होंने जानकारी दी कि फिल्म इंडस्ट्री को पाइरेसी की वजह से हर साल 20 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है.सिनेमा थियेटर में किसी भी फिल्म को रिकॉर्ड करने या रिकॉर्ड करने वाले व्यक्ति की मदद करने पर अब कड़ा एक्शन लिया जाएगा. फिल्म को बिना लाइसेंस के प्रदर्शित करने या उससे फायदा लेने वाले व्यक्ति पर भी एक्शन लिया जाएगा. पाइरेसी या पाइरेसी कॉपी बनाने के मामले में 3 महीने से 3 साल तक की सजा, 3 लाख से प्रोडक्शन कोस्ट के 5 फीसदी तक के जुर्माने की बात कही गई है.

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