AIMIM प्रमुख के बयान से छिड़ा सियासी घमासान

AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि वह अल्लाह के सिवाय किसी से नहीं डरते हैं. फिर चाहे वह देश के प्रधानमंत्री मोदी  ही क्यों न हों. हैदराबाद से सांसद ने इस दौरान और लोगों को भी सलाह दी कि वे न तो पीएम मोदी से डरें और न ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से डरें. वे सिर्फ और सिर्फ ऊपर वाले से डरें.

अल्लाह के सिवाय किसी से नहीं डरते मोदी से भी नहीं

एआईएमआईएम चीफ की ओर से बातें बुधवार (17 जनवरी, 2024) को माइक्रो ब्लॉगिंग मंच एक्स (पूर्व में टि्वटर) के जरिए कहीं गईं. उन्होंने 36 सेकेंड्स का एक वीडियो शेयर करते हुए एक्स हैंडल पर लिखा था, “हम सिर्फ जमीन-ओ-आसमान को बनाने वाले से (अल्लाह के संदर्भ में) से डरते हैं. बाकी किसी से भी नहीं डरते हैं.”उन्होंने इस दौरान जो वीडियो क्लिप शेयर की थी,

“हम सिर्फ जमीन-ओ-आसमान को बनाने वाले से से डरते हैं-ओवैसी

जनसभा के दौरान शायराना अंदाज में कहते नजर आए- हम सिर्फ जमीन-ओ-आसमान को बनाने वाले से (अल्लाह के संदर्भ में) से डरते हैं. बाकी किसी से भी नहीं डरते हैं. जो मैं गुनहगार हूं, खताकार हूं, सियाकार हूं.मैं क्या हूं, मेरे रब को मालूम मगर मैं सिर्फ अल्लाह से डरता हूं और तुमको भी बोलने आया हूं कि न मोदी से डरना, न शाह से डरना और न हुकूमत से डरना.किसी से नहीं डरना. सिर्फ अल्लाह से डरना.असदुद्दीन ओवैसी का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब देश में राम के नाम पर कथित तौर पर सियासत हो रही है. यूपी के अयोध्या में रामलला की 22 जनवरी, 2024 को प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम से पहले सियासी सूरमाओं से लेकर संतों के बीच जुबानी संग्राम देखने को मिला है. एआईएमआईएम के एमपी ने इससे पहले प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट (उपासना स्थल अधिनियम) का जिक्र छेड़ा था और कहा था कि यह संसद का बनाया हुआ है. ऐसे में क्यों मोदी सरकार कहती है कि हम इस पर स्टैंड करते हैं. विरोध का क्या है? 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद को किसने शहीद किया. यह मुद्दा जिंदगी भर रहेगा. अगर मस्जिद को आप शहीद नहीं करते तो कोर्ट का फैसला क्या आता? 6 दिसंबर तो एक फैक्ट है. क्या हम चाहेंगे कि दोबारा 6 दिसंबर हो? दूध का जला छाछ को भी फूंक फूंककर पीता है.

Spread the News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *