क्या AI थेरेपिस्ट वाकई मददगार हैं, या मानसिक स्वास्थ्य के लिए जोखिम?

आइए जानते हैं – इसके फायदे, नुकसान और यह कब कारगर हो सकता है।

AI थेरेपिस्ट के फायदे

1. हर समय उपलब्ध (24×7)
AI चैटबॉट कभी छुट्टी नहीं लेते। चाहे रात के 3 बजे हों, मदद हमेशा तैयार है।

2. किफायती या बिल्कुल मुफ्त
जहां प्रोफेशनल थेरेपी महंगी होती है, वहीं AI ऐप्स कम खर्चीले या फ्री होते हैं।

3. बिना जजमेंट के बातचीत
AI से बात करते समय शर्म या झिझक नहीं होती। ये कभी आपकी भावनाओं की निंदा नहीं करता।

4. हल्के तनाव में असरदार
थोड़ा स्ट्रेस, चिंता या अकेलापन—AI बॉट्स माइंडफुलनेस, पॉजिटिव सोच और मोटिवेशन से मदद कर सकते हैं।

5. मूड ट्रैकिंग फीचर
ये ऐप्स आपके मूड, नींद और व्यवहार को ट्रैक करते हैं, जिससे खुद को समझना आसान होता है।

6. CBT जैसी टेक्निक्स की प्रैक्टिस
AI बॉट्स Cognitive Behavioral Therapy (CBT) जैसी तकनीकों की बेसिक ट्रेनिंग में मदद कर सकते हैं।

AI थेरेपी की सीमाएं

1. भावनात्मक समझ की कमी
AI आपकी बात तो समझ सकता है, लेकिन इंसानी भावनाओं को ‘महसूस’ नहीं कर सकता।

2. गंभीर मानसिक समस्याओं में फेल
डिप्रेशन, PTSD, बायपोलर या सुसाइडल विचार जैसी स्थितियों में AI काम नहीं करता।

3. गलत सलाह का खतरा
AI 100% परफेक्ट नहीं होता। कभी-कभी उलझन भरी या ग़लत सलाह भी दे सकता है।

4. प्राइवेसी का रिस्क
आपका डेटा ऐप में सेव हो सकता है। अगर सिक्योरिटी कमजोर हुई तो आपकी निजी बातें लीक हो सकती हैं।

5. प्रोफेशनल थेरेपी का विकल्प नहीं
AI सिर्फ एक सपोर्ट टूल है। इसे पूरी तरह इंसानी थेरेपी का विकल्प नहीं समझना चाहिए।

कब इस्तेमाल करें?

  • हल्का तनाव, चिंता या अकेलापन हो
  • खुद को बेहतर समझना चाहते हों
  • माइंडफुलनेस, पॉजिटिव सोच, मूड ट्रैकिंग जैसी चीजें अपनाना चाहें
  • जब समय या पैसा कम हो

कब बिल्कुल न करें?

  • आत्महत्या के विचार आ रहे हों
  • PTSD, बायपोलर, OCD जैसी गंभीर बीमारियाँ हों
  • हाल ही में कोई बड़ा मानसिक आघात (ट्रॉमा) झेला हो
  • खुद को नुकसान पहुंचाने का विचार हो

ऐसे में तुरंत किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें।

AI थेरेपिस्ट काम कैसे करते हैं?

AI थेरेपिस्ट Machine Learning और Natural Language Processing (NLP) की मदद से काम करते हैं।
ये आपकी बातों को समझकर उसके अनुसार जवाब देते हैं।

उदाहरण:
आप कहते हैं — “मैं बहुत अकेला महसूस कर रहा हूं।”
AI जवाब देगा — “क्या आप इसके बारे में बात करना चाहेंगे?”

सहयोग मिलता है, लेकिन ‘भावनात्मक गहराई’ की कमी होती है।

AI थेरेपी बनाम असली थेरेपी

विशेषताAI थेरेपीइंसानी थेरेपी
भावनात्मक समझ❌ सीमित✅ गहरी
उपलब्धता✅ 24×7❌ समय-सीमा में
खर्च✅ सस्ती या फ्री❌ महंगी
गंभीर केस हैंडलिंग❌ असमर्थ✅ सक्षम
डेटा प्राइवेसी❓ कुछ रिस्क✅ बेहतर सुरक्षा

कुछ आम गलतफहमियाँ

  • “AI मुझे इंसान की तरह समझेगा”
    नहीं, AI भावना नहीं समझ सकता।
  • “AI सब कुछ कर सकता है”
    नहीं, यह केवल सहायक टूल है। इलाज नहीं।
  • “AI 100% सुरक्षित है”
    सुरक्षा ऐप की पॉलिसी पर निर्भर करती है।
  • “AI से थेरेपी मिल रही है, डॉक्टर की जरूरत नहीं”
    बहुत गलत सोच। गंभीर मामलों में प्रोफेशनल हेल्प जरूरी है।

पॉपुलर AI थेरेपी ऐप्स (जानकारी के लिए)

  • Wysa – भारत में बना, यूज़र्स फ्रेंडली
  • Woebot – अमेरिका का AI चैटबॉट
  • Youper – मूड ट्रैकिंग और CBT बेस्ड सपोर्ट

Source  research by me and taken help of AI

(This article is written by Shreya Bharti, Intern at News World India.)

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