कानपुर नगर निगम के दावों की पोल खुली
आज से पूरे देश में छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। वहीं अगर बात करें कानपुर की तो छठ के पहले से कानपुर नगर निगम के अधिकारी और नेताओं ने घाटों पर सफाई को लेकर लगातार निरीक्षण किया जा रहा है और घाट पर साफ सफाई के दावे भी किए। जा रहें हैं लेकिन बात करें कानपुर शहर के रानीघाट की जहां न्यूज़ वर्ल्ड इंडिया की टीम पहुंची और गाटों में साफ सफाई का जायजा लिया तो कानपुर नगर निगम के दावों की पोल खुल खुलती नज़र आई।
शहर का गंदा पानी सीधे गंगा जी मे गिर रहा
आपको बताते चलें कि, रानीघाट पर नगर निगम द्वारा साफ सफाई भी कराई गई और बांस बल्ली लगवाई गई है, लेकिन यहाँ पर एक नाला है जो शहर का गंदा पानी सीधे गंगा जी मे गिर रहा है। देश के प्रधानमंत्री वा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री गंगा सफाई को लेकर करोड़ों रुपए खर्च करते मगर सफाई के नाम का पैसा अधिकारियो वा नेताओं के जेब भरने का काम होता है अब ऐसे में सवाल यहां खड़ा होता है कि इस पवित्र पर्व पर श्रद्धालु किस तरह से अपनी पूजा सम्पन्न करेंगे जिस गंगा के पानी से लोग नहा कर पवित्र होने की बात करते हैं आज वही गंगा शहर के वा फैक्ट्रियों के गंदे नाले और पानी से अपवित्र हो रही है
लोगों में गंदगी को लेकर काफी गुस्सा
वहीं क्षेत्रीय लोगो ने बताया कि नाला लगभग पांच सालों से गिर रहा है जिससे गंगा तो प्रदूषित हो रही है और आसपास के लोगो का जीना भी मोहाल है। लोगो का कहना है कि उन्होंने कई बार नाले गिरने का पानी गंगा नदी में गिरने की शिकायत भी नगर निगम के अधिकारियों से की लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। आपको बताते चलें कि नाला टैपिंग के नाम पर करोड़ो रूपए खर्च किये गए लेकिन इस तरह की तस्वीरे कुछ और ही बया कर रही है।
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