75% अप्रूवल रेटिंग के साथ टॉप पर मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय लोकतांत्रिक नेता बनकर उभरे हैं। अमेरिका की डेटा इंटेलिजेंस फर्म Morning Consult द्वारा जारी Global Leader Approval Rating रिपोर्ट में पीएम मोदी को 75% अप्रूवल रेटिंग मिली है। यह रेटिंग उन्हें वैश्विक मंच पर सबसे भरोसेमंद और पसंदीदा नेता साबित करती है।

यह रिपोर्ट 22 से अधिक लोकतांत्रिक देशों के नेताओं पर आधारित है और हर महीने अप-टू-डेट डेटा के साथ जारी की जाती है।

दूसरे और तीसरे स्थान पर कौन हैं?

पीएम मोदी के बाद:

  • मेक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रेस मैनुअल लोपेज़ ओब्राडोर को 64% समर्थन मिला।
  • स्विट्जरलैंड की राष्ट्रपति विओला अम्हर्ड को 58% अप्रूवल प्राप्त हुआ।
  • वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को मात्र 37% समर्थन मिला, जिससे वे सूची में निचले स्थान पर हैं।

लगातार बनी हुई है लोकप्रियता

यह पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी इस सूची में शीर्ष स्थान पर आए हैं। पिछले कई वर्षों से वे लगातार टॉप 3 में बने हुए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि उनकी नेतृत्व क्षमता को न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा जा रहा है।

अप्रूवल रेटिंग के क्या मायने हैं?

अप्रूवल रेटिंग वह पैमाना है जो बताता है कि किसी देश के नागरिक अपने नेता के कार्यों से कितने संतुष्ट हैं। यह रेटिंग तीन चीज़ों पर आधारित होती है:

  • नेता की राजनीतिक स्थिरता
  • नीतियों की प्रभावशीलता
  • और जनता से संबंधों की गुणवत्ता

भारत की वैश्विक छवि को मिला बल

मोदी की इस ऊँची रेटिंग ने भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को और मजबूती दी है। यह दर्शाता है कि भारत अब:

  • एक विश्वसनीय कूटनीतिक शक्ति
  • एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था
  • और वैश्विक मंच पर जिम्मेदार भागीदार के रूप में उभर रहा है।

हालिया उपलब्धियाँ जो छवि को मजबूत बनाती हैं:

  • G20 शिखर सम्मेलन की सफल मेज़बानी
  • वैश्विक दक्षिण (Global South) की आवाज़ को प्रमुखता देना
  • डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में अग्रणी भूमिका
  • और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर सक्रिय भागीदारी

इन सभी प्रयासों ने भारत की अंतरराष्ट्रीय साख को नया आयाम दिया है।

विदेशों में भारत की सकारात्मक पहचान

भारत की छवि सुधारने में NRI समुदाय, व्यापारिक साझेदारियों और “मेड इन इंडिया” उत्पादों की वैश्विक स्वीकार्यता ने भी बड़ा योगदान दिया है। इससे दुनिया में भारत को लेकर सोच में बदलाव आया है—एक उभरती ताकत के रूप में, जो न सिर्फ आत्मनिर्भर है, बल्कि वैश्विक बदलाव का नेतृत्व भी कर रही है।

(This article is written by Shlok Devgan , Intern at News World India.)

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