48 घंटे में तबाही, सड़कों और पुलों का भारी नुकसान

पिछले 48 घंटों में उत्तराखंड में मौसम ने ऐसा कहर बरपाया कि जनता और प्रशासन दोनों ही हिल गए हैं।
- मैदानी इलाकों में भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया।
- पहाड़ी जिलों में बादल फटने और भूस्खलन से हालात बिगड़ गए।
- देहरादून और चमोली इस बार सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।
इस दौरान कई लोगों की जान गई, दर्जनों लापता हैं और आपदा प्रबंधन दल लगातार राहत-बचाव कार्य में जुटा हुआ है।
देहरादून: तबाही का केंद्र
देहरादून शहर इस बार बारिश और बादल फटने से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ।
- पिछले 48 घंटों में 24 लोगों की मौत, जबकि 15 लोग अभी भी लापता हैं।
- सहस्त्रधारा और मालदेवता में नदियां उफान पर आ गईं।
- तेज बहाव में घर, होटल और दुकानें बह गईं।
- मालदेवता के पास 12 गांव बाहरी दुनिया से कट गए।
- टपकेश्वर महादेव मंदिर क्षेत्र में पुल बह गया और आसपास के इलाके डूब गए।
सड़कें और पुल ध्वस्त
आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट:
- देहरादून जिले में 62 सड़कें और 8 पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त।
- इसमें देहरादून–हरिद्वार नेशनल हाइवे और मसूरी रोड भी शामिल हैं।
- आपातकालीन सेवाएं बाधित, राहत कार्य में दिक्कत।
- प्रशासन लगातार मलबा हटाने और मार्ग खोलने में जुटा है।
मसूरी और हिल स्टेशनों की हालत
- मसूरी–देहरादून मार्ग कई बार भूस्खलन के कारण बंद रहा।
- पर्यटक घंटों तक फंसे रहे।
- कई पुल बह गए, सड़कें मलबे से भरी।
- धनोल्टी और कैंपटी रोड पर भी यातायात प्रभावित।
- कुछ रास्ते केवल पैदल आने-जाने के लिए खुले।
चमोली: भूस्खलन और मलबा
- नंदानगर ब्लॉक के कुंतरी लगा फाली, सरपाणी और धुर्मा सबसे प्रभावित।
- कुंतरी लगा फाली: 1 मौत, 4 लापता।
- सरपाणी: 1 मौत, 1 लापता।
- धुर्मा: 2 लोग लापता, 1 व्यक्ति मलबे से रेस्क्यू।
- कई घर और संपत्तियां मलबे में दब गईं।
मानसून और रिकॉर्ड बारिश
- जून से सितंबर तक देहरादून में 1,906 मिमी बारिश दर्ज, जबकि सामान्य 1,378 मिमी होती है।
- यानी इस बार 38% ज्यादा बारिश हुई।
- सहस्त्रधारा क्षेत्र में एक दिन में 264 मिमी बारिश, पिछले 100 साल का रिकॉर्ड टूटा।
- मौसम विभाग ने 20 सितंबर तक नैनीताल, पौड़ी और चमोली में 115–200 मिमी बारिश की चेतावनी दी है।
राहत कार्य और भविष्य की तैयारी
- आपदा प्रबंधन दल राहत-बचाव कार्य में जुटा है।
- तेज बारिश और बंद रास्ते सबसे बड़ी चुनौती बने हुए हैं।
- प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
नतीजा
उत्तराखंड के पिछले 48 घंटों में हुई भारी बारिश ने मैदानी और पहाड़ी दोनों इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।
- देहरादून और चमोली में सबसे ज्यादा नुकसान।
- सड़कें और पुल बह जाने से आवागमन ठप।
- लापता लोगों और लगातार हो रही मौतों ने चिंता बढ़ा दी है।
मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले दिनों में भी खतरा टला नहीं है। लोगों को सावधान रहना होगा और प्रशासन को आपदा प्रबंधन पर और मजबूती से काम करना होगा।

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