1 दिन में 25,000 कन्याओं का पूजन, बना वर्ल्ड रिकॉर्ड

शारदीय नवरात्रि पर बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन ने ऐसा काम कर दिखाया जो पूरे देश-दुनिया में चर्चा का विषय बन गया।
यहां एक ही दिन में 25,000 कन्याओं का पूजन हुआ और यह आयोजन गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया।
इस उपलब्धि ने उज्जैन और पूरे मध्य प्रदेश का नाम गौरवान्वित कर दिया।

121 स्थानों पर कन्या पूजन

यह ऐतिहासिक कार्यक्रम लोकमान्य तिलक गणेश उत्सव महा आयोजन समिति द्वारा आयोजित किया गया।
28 सितंबर को उज्जैन उत्तर विधानसभा के 121 स्थलों पर एक साथ कन्या पूजन हुआ।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वयं पूजा-अर्चना की और कन्याओं को उपहार भेंट किए।

हर स्थल पर भव्य माहौल था। महिलाएँ, बच्चे और आम नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री का संदेश

सीएम मोहन यादव ने कहा:

“उज्जैन की यह उपलब्धि हमारी सनातन संस्कृति को वैश्विक मंच पर स्थापित करती है। यह आयोजन हमारी परंपराओं के प्रति आस्था और महिला शक्ति के सम्मान का प्रतीक है।”

छह महीने की तैयारी, 25 हजार कन्याओं का रजिस्ट्रेशन

भाजपा विधायक अनिल जैन ने बताया कि इस रिकॉर्ड के लिए लगभग छह महीने तक तैयारी की गई।
5,000 कार्यकर्ताओं की टीम ने मिलकर 13 साल तक की 25,000 कन्याओं का पंजीकरण कराया।

पूरे विधि-विधान से पूजन, आरती और चरण पखारने की परंपरा निभाई गई।
इसमें स्थानीय नागरिकों के साथ कई धार्मिक व सामाजिक संगठनों ने योगदान दिया।

विकास कार्यों का शुभारंभ

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उज्जैन के विकास से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स का भूमि पूजन किया।

  • नए अस्पतालों का निर्माण
  • एलिवेटेड ब्रिज और सड़क चौड़ीकरण
  • पुल-पुलिया और प्रशासनिक भवनों का विकास

कुल 369.11 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की घोषणा की गई।

शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि

सीएम मोहन यादव ने क्षिप्रा नदी में डूबकर शहीद हुए तीन पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

  • कांस्टेबल आरती पाल के परिवार को 59 लाख रुपये
  • सब-इंस्पेक्टर अशोक शर्मा और मदनलाल निनामा के परिवारों को 1-1 करोड़ रुपये

संस्कृति और आस्था का संगम

पूरे उज्जैन में माता की आराधना और मंत्रोच्चारण गूंज उठा।
भव्य मंडपों और फूलों की सजावट ने माहौल को और दिव्य बना दिया।
गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम ने इस आयोजन को विश्व रिकॉर्ड के रूप में प्रमाणित किया।

उज्जैन की पहचान को मिला वैश्विक सम्मान

बाबा महाकाल की नगरी सदियों से आस्था और आध्यात्मिकता की पहचान रही है।
अब 25 हजार कन्याओं के पूजन का यह कीर्तिमान उज्जैन की विश्वस्तरीय पहचान को और मजबूत करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा:

“यह केवल एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपरा के प्रति आस्था का प्रतीक है। उज्जैन ने साबित किया है कि जब समाज एकजुट होता है तो वह विश्व स्तर पर मिसाल बन सकता है।”

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