सुरंग हादसे में फंसे  मजदूरों की वापसी के लिए परिजन कर रहे प्रार्थना

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हुए सुरंग हादसे में श्रावस्ती के भी छह मजदूर फंसे हुए हैं. उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. सभी उनकी सकुशल वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे है. उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन टनल के रविवार को अचानक धंस जाने के चलते इसके अंदर 40 मजदूर फंस गए.इनमें छह श्रावस्ती जिले  के थारू जनजाति बाहुल्य गांव पंचायत मोतीपुर कला के मजदूर हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और उत्तराखंड पुलिस मजदूरों को निकालने की कोशिश में जुटी है.लेकिन टनल हादसे में फंसे मजदूरों के परिरवारीजन परेशान हैं. गांव के रहने वाले शोभाराम बताते हैं कि 20 लोगों का जत्था मजदूरी करने के लिए यहां से 10 अगस्त को  उत्तराखंड के लिए गया था. सभी मजदूरों को नवयुगा  कंपनी में काम मिला था. शोभाराम बताते हैं कि इन मजदूरों से दो शिफ्ट में कार्य लिया जाता है. ये छह मजदूर रात वाले शिफ्ट में काम कर रहे थे. उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी यमनोत्री नेशनल हाइवे पर टनल का निर्माण कार्य हो रहा है. जिसमें कई प्रदेश के मजदूर काम कर रहे हैं. इन मजदूरों में उनके गांव  के भी आधा दर्जन मजदूर काम कर रहे थे टनल में फंसे होने की सूचना घर पर मिलने से परिजन परेशान हैं. टनल हादसे में फंसे 42 वर्षीय राम मिलन की पत्नी सुनीता बताती हैं कि उनके पति मजदूरी करने के लिए चार माह पूर्व उत्तराखंड गए थे. दीवाली के दिन  सुबह करीब चार बजे भूस्खलन होने से सुरंग का कुछ हिस्सा अचानक धंस गया जिसमें वह फंस गए है. सुनीता काफी परेशान है. वह अपने सुहाग को सलामती के लिए मान मनौती के साथ ईश्वर से प्रार्थना कर रही है.

जिला प्रशासन ने आपदा विशेषज्ञ को उत्तराखंड के उत्तरकाशी के लिए किया रवाना

जनपद श्रावस्ती के जिलाधिकारी कृतिका शर्मा ने बताया है कि उत्तरकाशी में हुई टनल दुर्घटना में श्रावस्ती जनपद की जो भी प्रक्रिया मजदूर फंसे हुए हैं उनके परिजनों व प्रशासन से उचित समन्वयी स्थापित करने के लिए आपका विशेषज्ञ अरुण कुमार मिश्रा को प्रदेश के राहत आयुक्त उत्तर प्रदेश शासन की ओर से मौके पर भेजे जाने हेतु नामित किया गया है जो की घटनास्थल को प्रस्थान कर गए हैं।

फंसे हुए मजदूरों में ये हैं शामिल

राम मिलन (42) पुत्र सुख सागर,  सत्यदेव (46) पुत्र राम सागर निवासी रनियापुर मोतीपुर ,अंकित कुमार (22) पुत्र सीताराम मोतीपुर, जय प्रकाश (23) पुत्र ज्ञानू ,  संतोष कुमार (24) पुत्र विशेषर, राम सुंदर (27) पुत्र मनी राम बच्चूपुरवा मोतीपुर के  हैं. हादसे में फंसे लोगों की नव युगा कंपनी की ओर से जारी सूची में क्रमांक 14-19  नंबर तक मोतीपुर कला के रहने वाले इन मजदूरों के नाम शामिल हैं.

नहीं जले चूल्हे, न दिए हुए रोशन

सुरंग हादसे में छह परिवारों की दिवाली की खुशियां काफूर हो गई हैं.परिजन सकुशल वापसी की राह निहार रहे हैं. सत्यदेव की पत्नी राम रती बताती है कि रविवार की रात सूचना मिलते त्योहार की खुशियां काफूर हो गईं. भूख प्यास सब समाप्त हो गया.राम सुंदर की पत्नी शीला और अंकित की पत्नी भूमिका चौधरी भीगी आंखों को पोछते  हुए कहती हैं कि जब हादसे की खबर सुनी है तबसे पेट में एक अन्न  भी नहीं गया है बस शीघ्र ईश्वर से उनके सकुशल वापसी की प्रार्थना कर रही हूं.

दो वर्ष पूर्व भी तपोवन के आपदा में लापता हुए थे यहां के पांच लोग

उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन में आई आपदा में इसी गांव पंचायत के रनियापुर के पांच लोग लापता हो गए थे. जिनका अभी तक पता नहीं चल सका है. शिक्षक कर्मवीर राना बताते हैं कि इस गांव के हरी लाल, छोटू,प्रभुनाथ, अजय और वेद प्रकाश उत्तराखंड में मजदूरी करने गए थे. सात फरवरी 2021 को चमोली जिले के तपोवन में आई आपदा के मलबे और सैलाब में पांचों लापता हो गए थे. आज तक उनका पता नहीं चल सका है.

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