सीएम सुक्खू बोले – “अब राजनीति नहीं, साथ चाहिए”

हिमाचल प्रदेश इन दिनों लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन से जूझ रहा है। सड़कों के बंद होने, मकानों के गिरने और जनजीवन अस्त-व्यस्त होने के कारण सरकार ने प्रदेश को “आपदा प्रभावित राज्य” घोषित कर दिया है।

इस बीच जहां विपक्ष ने राहत कार्यों की धीमी रफ्तार पर सवाल उठाए हैं, वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने साफ कहा है कि यह समय राजनीति का नहीं, एकजुटता का है।

सीएम की अपील: राजनीति छोड़ें, मिलकर मदद करें

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा:

“हालात गंभीर हैं, लेकिन सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि हर पीड़ित तक राहत पहुँचे। जैसे ही मौसम सुधरेगा, बचाव कार्य और तेज़ किए जाएंगे।

उन्होंने विपक्ष से भी सहयोग की अपील की:

“आपदा के समय में हमें एक-दूसरे पर आरोप लगाने की बजाय, जनता के साथ खड़े होने की जरूरत है। यह वक्त एकजुट होकर काम करने का है।”

केंद्र से नहीं मिला विशेष राहत पैकेज

सीएम सुक्खू ने यह भी बताया कि:

  • केंद्र सरकार से अब तक कोई विशेष राहत पैकेज नहीं मिला है।
  • उन्होंने कहा, “हमें सामान्य मदद मिली है, लेकिन हिमाचल के हालात को देखते हुए विशेष सहायता जरूरी है।”

पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार द्वारा केंद्र को लिखे गए पत्र के लिए उन्होंने आभार जताया, जिसमें 20,000 करोड़ रुपये की मदद की मांग की गई है।

सुक्खू बोले:

“अगर विपक्ष चाहे, तो मैं खुद उनके साथ केंद्र जाकर हिमाचल की बात रखूंगा।”

हिमाचल को घोषित किया गया ‘आपदा प्रभावित प्रदेश’

सरकार ने 1 सितंबर से हिमाचल को औपचारिक रूप से ‘आपदा प्रभावित’ घोषित कर दिया है।
इससे जुड़े विशेष नियम लागू होंगे ताकि:

  • राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाई जा सके
  • आपदा प्रबंधन के संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल हो सके

ग्लोबल वार्मिंग और पहाड़ों की चिंता

सीएम सुक्खू ने सोशल मीडिया पर लिखा:

“हिमाचल और दूसरे पहाड़ी राज्यों की समस्याएं सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि पूरे देश की चिंता होनी चाहिए।
ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बड़ा असर पहाड़ों पर दिख रहा है।”

उन्होंने केंद्र सरकार से बिना सोच-विचार के हो रहे निर्माण कार्यों पर रोक लगाने की अपील की और कहा:

“हमारे पहाड़ केवल पर्यटन स्थल नहीं, जीवन के रक्षक हैं। हमें इन्हें बचाना ही होगा।”

राजनीति या सहयोग? जनता देख रही है

बाढ़ के इस संकट के बीच, सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चल रहा है।

  • विपक्ष कह रहा है कि राहत कार्य धीमे हैं
  • सरकार कह रही है कि विपक्ष मदद करने की बजाय राजनीति कर रहा है

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह मामला और गरमाएगा। लेकिन जनता अब देख रही है कि:

क्या विपक्ष और सरकार मिलकर हिमाचल के लिए राहत पैकेज दिलाने की कोशिश करेंगे,
या
यह लड़ाई सिर्फ बयानों तक ही सीमित रहेगी?

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