सपा कार्यालय के बाहर लगा बैनर बना सियासी चर्चा का विषय

क्या अब पोस्टर से मचेगा सियासी बवाल?
जहां एक तरफ एमपी को लेकर उठी कांग्रेस-सपा में तूफानी बवंडर शांत हो गया. वहीं दूसरी तरफ एक नया बवाल सपा की तरफ से देखने को मिला है. जहां विपक्षी दलों की 3 बैठक होने के बावजूद अभी तक किसी पीएम का दावेदार सामने नहीं आया है. जहां कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को दावेदार मान रहे है. वहीं दूसरी तरफ जदयू नीतीश कुमार को पीएम का दावेदार मान रही है. अब एक नई पार्टी ने पीएम की दावेदारी कर दी है.
बैठक से पहले पीएम बनने की अपनी-अपनी दावेदारी
दरअसल लखनऊ सपा कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगाया गया है. जहां अखिलेश यादव को भावी प्रधानमंत्री कहा गया है. ये पोस्टर सपा के प्रदेश अध्यक्ष फखरुल हसन ‘चांद’ ने लगाया है. आपको बता दें की इससे पहले भी 1 जूलाई को अखिलेश यादव के जन्मदिन पर ऐसे ही मांग सपा के तरफ से उठी थी. वहीं कांग्रेस की बात की जाए तो कुछ दिन पहले ही कांग्रेस नेता शशि थरुर ने बयान देते हुए कहा था की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जून खड़गे को पीएम बनना चाहिए. अगर मल्लिकार्जून खड़गे पीएम बनते है तो वो देश के पहले दलित पीएम होंगे.
राहुल,नीतीश के बाद अखिलेश बने दावेदार,किसकी नय्या होगी पार?
वहीं दूसरी तरफ जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने भी कुछ दिन पहले नीतीश कुमार को पीएम दावेदार बताया था. ललन सिंह ने कहा था की नीतिश में वो सारे गुण है जो एक पीएम में होने चाहिए. वहीं अब अखिलेश को पीएम बनाने की मांग उठी है. ऐसे में सवाल ये उठता है की आखिर कौन होगा विपक्ष की तरफ से पीएम का दावेदार? क्या अपनी-अपनी दावेदारी का दावा करके विपक्षी गठबंधन अपने आप को प्रबल दिखाने में जुटी है.

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