शरद पवार का चुनाव आयोग पर हमला

एनसीपी-एससीपी प्रमुख शरद पवार ने हाल ही में कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से कई सवाल पूछे हैं और उसकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।

पवार का कहना है कि विपक्ष के नेता होने के नाते राहुल गांधी खुद संसद के भीतर एक महत्वपूर्ण संस्था हैं। इसलिए चुनाव आयोग को उनके सवालों का जवाब देना चाहिए।

लेकिन हालिया घटनाक्रम में देखा गया कि चुनाव आयोग की बजाय, भाजपा के नेता और मुख्यमंत्री आयोग की ओर से जवाब दे रहे हैं।

शरद पवार का आरोप: चुनाव आयोग में अविश्वास

शरद पवार ने कहा:

“इस तरह का रवैया चुनाव आयोग में भरोसा घटा रहा है। यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। इससे लोगों के मन में आयोग के प्रति अविश्वास पैदा होता है।”

पवार ने यह भी बताया कि राहुल गांधी ने पिछले हफ्ते वोट चोरी के मुद्दे पर अपनी आलोचना व्यक्त की थी।

राहुल गांधी के आरोप

  • मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर लोकतंत्र को नष्ट करने वालों की मदद करने का आरोप लगाया।
  • कर्नाटक और महाराष्ट्र की दो विधानसभा सीटों के आंकड़ों का हवाला दिया।
  • दावा किया कि मतदाताओं के नाम धोखाधड़ी से हटाए या जोड़े गए
  • अलंद विधानसभा क्षेत्र में 6,018 मतदाताओं के नाम हटाए जाने का उदाहरण दिया।
  • राज्य के बाहर से फर्जी लॉगिन और फोन नंबरों का इस्तेमाल करके वोट चोरी किए जाने का आरोप लगाया।

चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया

चुनाव आयोग ने सभी आरोपों को झूठा और निराधार बताया।

  • आयोग ने कहा कि कोई आम आदमी ऑनलाइन वोट नहीं हटा सकता।
  • राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवालों को गलत समझा गया।
  • आयोग ने अपने बयान में कहा कि वोटिंग प्रणाली पूरी तरह सुरक्षित है।

विपक्ष और सरकार के बीच तनाव

इस मुद्दे ने विपक्ष और भाजपा के बीच राजनीतिक विवाद को और बढ़ा दिया है।

  • शरद पवार का कहना है कि भाजपा नेताओं का चुनाव आयोग के मामले में हस्तक्षेप लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है।
  • राहुल गांधी ने इस मुद्दे को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाया और जनता का ध्यान मतदाता अधिकारों और चुनावी पारदर्शिता की ओर खींचा।

नतीजा

यह मामला चुनाव आयोग की स्वायत्तता और विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है। विपक्ष इसे लोकतंत्र की सुरक्षा और मतदाता अधिकारों की रक्षा के संदर्भ में देख रहा है, जबकि चुनाव आयोग ने इसे पूरी तरह खारिज किया है।

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