लखनऊ में बड़ा धर्मांतरण रैकेट का खुलासा

राजधानी लखनऊ में पुलिस ने एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस रैकेट का मास्टमाइंड मलखान (43), निवासी बकतौरी खेड़ा को रविवार को गिरफ्तार किया गया। आरोपी अनुसूचित जाति के लोगों को “चमत्कारी इलाज” का झांसा देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए उकसाता था।

डीसीपी (दक्षिण) निपुण अग्रवाल, अतिरिक्त डीसीपी रालापल्ली वसंत कुमार और एसीपी रजनीश वर्मा ने गिरफ्तारी की पुष्टि की।

कैसे चलता था रैकेट?

  • आरोपी मलखान ने अपने खेत में हॉल जैसी एक संरचना बनाई थी, जिसे अस्थायी चर्च के रूप में इस्तेमाल करता था।
  • हर रविवार और गुरुवार को वह अनुसूचित जाति की महिलाओं और बच्चों को इकट्ठा करता।
  • उन्हें बीमारियों के इलाज का वादा कर प्रलोभन देता और धीरे-धीरे ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करता।
  • पुलिस के अनुसार, मलखान खुद ईसाई धर्म अपना चुका था और अपने बच्चों व रिश्तेदारों के नाम भी बदल चुका था।
  • लोगों तक आसानी से पहुंचने के लिए उसने “येशु चंगाई सभा” नाम का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था।

पुलिस की कार्रवाई

गिरफ्तारी के समय पुलिस ने आरोपी के पास से –

  • दो बाइबिल की किताबें,
  • धर्म प्रचार की सामग्री,
    बरामद की।

साथ ही उसके वित्तीय लेन-देन की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस उन लोगों तक भी पहुंच रही है, जिनका धर्मांतरण किया गया हो सकता है।

दर्ज हुआ केस

निगोहन थाने में आरोपी के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के तहत केस दर्ज किया गया है।

गिरफ्तारी में अहम भूमिका निभाने वाली पुलिस टीम को डीसीपी दक्षिण ने ₹25,000 का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।

लखनऊ पुलिस का सख्त संदेश

पुलिस ने साफ कहा है कि –

  • कानून के खिलाफ किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
  • ऐसे मामलों पर लगातार नजर रखी जाएगी।
  • प्रभावित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

समाज में हलचल

इस घटना ने पूरे इलाके में चर्चा छेड़ दी है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कैसे कमजोर और गरीब तबके के लोगों को बहकाकर धर्म परिवर्तन कराया जा सकता है।

पुलिस की इस कार्रवाई से लोगों को राहत मिली है और समाज में यह संदेश गया है कि ऐसे रैकेट को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

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