मसूरी: देहरादून-मसूरी मार्ग पर फिर भूस्खलन

मसूरी जाने वाले पर्यटक और स्थानीय लोग सोमवार की सुबह सड़क अवरुद्ध होने से परेशान रहे। देहरादून-मसूरी मार्ग पर गलोगी के पास भारी भूस्खलन हुआ, जिससे रास्ता पूरी तरह बंद हो गया और दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
मलबा हटाने में मुश्किलें
भूस्खलन के बाद मौके पर बुलाई गई जेसीबी मशीन भी अचानक खराब हो गई। इसके कारण राहत कार्य प्रभावित हुए। पुलिस ने बताया कि दूसरी जेसीबी मंगाई जा रही है, लेकिन सड़क पूरी तरह साफ करने में कम से कम 3-4 घंटे लग सकते हैं।
- कोठालगेट के पास वाहनों को रोका गया है ताकि भीड़ और बढ़ने से बच सके।
पर्यटक और स्थानीय लोग फंसे
- भूस्खलन के कारण दोनों ओर से यातायात ठप हो गया।
- देहरादून और मसूरी के बीच सफर कर रहे कई पर्यटक बीच रास्ते में फंस गए।
- कुछ लोग पैदल पास के गांवों तक पहुँचने की कोशिश कर रहे हैं।
भूस्खलन का पुराना खतरा
- देहरादून-मसूरी और मसूरी-धनौल्टी मार्ग पर भूस्खलन कोई नई समस्या नहीं है।
- हर साल मॉनसून के दौरान यह इलाका खतरनाक साबित होता है।
- विशेषज्ञों के अनुसार, पहाड़ों में लगातार कटाई और तेज बारिश खतरे को और बढ़ा रही है।
बीते दिनों की तबाही याद दिलाई
कुछ दिन पहले हुई तेज बारिश ने पूरे क्षेत्र में भारी तबाही मचाई थी:
- देहरादून-मसूरी रोड कई जगहों पर टूट गया।
- शिव मंदिर के ऊपर ब्रिटिश काल का पुराना पुल क्षतिग्रस्त हो गया।
- प्रशासन ने बेली ब्रिज का निर्माण कर सड़क बहाल की और करीब 2,000 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला।
गांवों में अभी भी तबाही के निशान
- मूसलाधार बारिश से कई गांव प्रभावित हुए।
- घर बह गए, खेतों में मलबा जमा हो गया।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ितों को मदद का भरोसा दिया।
प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन ने यात्रियों से कहा है कि वे:
- मौसम साफ होने और सड़क खुलने तक अनावश्यक यात्रा से बचें।
- पहाड़ी मार्ग पर निकलने से पहले मौसम और यातायात की स्थिति की जानकारी लें।
पर्यटन पर असर
- मसूरी को “क्वीन ऑफ हिल्स” कहा जाता है और यहां सालभर बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।
- बार-बार होने वाले भूस्खलन और सड़क अवरोध से पर्यटन कारोबारियों की चिंता बढ़ी है।
- होटल मालिकों का कहना है कि ऐसी घटनाएं पर्यटकों की संख्या पर असर डाल सकती हैं।
दीर्घकालिक समाधान की जरूरत
- देहरादून-मसूरी मार्ग का बार-बार बंद होना दिखाता है कि पहाड़ी इलाकों में मजबूत ढांचागत सुधार की आवश्यकता है।
- फिलहाल प्रशासन जेसीबी की मदद से मलबा हटाने और यातायात बहाल करने में जुटा है।
- यह घटना याद दिलाती है कि प्रकृति के सामने मनुष्य की तैयारियां अक्सर कम पड़ जाती हैं, और दीर्घकालिक समाधान ही स्थायी सुरक्षा प्रदान कर सकता है।

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