भू-कानून को लेकर सड़को पर दिख रहा जनता का रोष

उत्तराखंड राज्य में इन दिनों भू कानून और मूल निवास जैसे गंभीर विषयों पर राज्य की जनता विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहयोग से आंदोलन करती हुई नजर आ रही है आप जबकि सरकार  ने इस चुनौती से पार  पाते हुए भू कानून की सिफारिश पर कार्रवाई के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति को मूल निवास प्रमाण पत्र के मानकों को भी निर्धारित कर जल्द ही शासन को देने के निर्देश दिए है।

अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन हुआ

जैसे 70 के दशक में राज्य के लिए आंदोलन लड़ा गया था और सड़कों पर राज्य की जनता देखी थी ठीक वैसे ही मूल निवास और भू कानून को लेकर भी इन दोनों जनता सड़कों पर नजर आ रही है जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनहित के इस विषय पर लगातार काम कर रहे हैं और शासन के अधिकारियों को निर्देश देते हुए जल्द ही इस विषय पर उचित निर्णय देने का भरोसा दे रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मेरे लिए राज्यहित सर्वोपरि है राज्य वासियों ने जिस संकल्प के साथ राज्य निर्माण का सपना देखा है उसको पूर्ण करने के लिए निरंतर प्रयासरत है राज्यहित से जुड़ा भू कानून हो या मूल निवास प्रमाण पत्र का विषय राज्य सरकार संजीदगी के साथ राज्य वासियों के साथ खड़ी है। इसलिए इन विषयों पर विचार विमर्श कर अपनी स्पष्ट सिफारिश सरकार को उपलब्ध कराने के लिए ही अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है जिसमें विषय विशेषज्ञों के रूप में अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया।

विपक्ष ने घेरा तो सरकार ने चला मास्टर स्ट्रोक

सरकार के लिए भले ही चुनौती हो लेकिन विपक्षी दलों के लिए यह बड़ा अवसर है कि सरकार की घेराबंदी की जाए। सरकार भी अपने मास्टर स्ट्रोक खेल रही है । भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की माने तो आज जिन विषयों को लेकर आंदोलन लड़ा जा रहा है उन विषयों पर राज्य सरकार पूर्व में ही आदेश दे चुकी है और विशेषज्ञ समिति का गठन हो चुका है जो जल्द ही अपना ड्राफ्ट बनाकर सरकार को सौंपेगी।

भू कानून के संबध में राज्य में पूर्व में भी एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई थी जिसने राज्य में औद्योगिक विकास कार्यों के लिए भूमि की आवश्यकता तथा उपलब्ध भूमि के संरक्षण के मध्य संतुलन को ध्यान में रखकर विभिन्न पक्षों से विचार विमर्श कर लगभग 80 प्रस्तों की रिपोर्ट तैयार की थी समिति ने सिफारिश में ऐसे बिंदुओं को शामिल किया जिससे राज्य के विकास में निवेश बढ़े और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो सके। और आप बनाई गई समिति भी भू कानून को लागू करने के प्रारूप के साथ ही मूल निवास प्रमाण पत्र जारी किए जाने के मानकों के निर्धारण का कार्य भी करेगी । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद सामान्य प्रशासन विभाग इसका आदेश जारी कर चुका है .  जिन लोगों के पास मूल निवास प्रमाण पत्र है उन्हें अस्थाई निवास प्रमाण पत्र की बाध्यता नहीं है।

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