बीजेपी जीत सकती है एमपी में बाजी

एमपी में कांग्रेस को लग सकता है बड़ा झटका

देश में 5 राज्यों में चुनाव हो चुके है. अब बस सभी को इंतजार है 3 दिसंबर का जब सभी 5 राज्यों में चुनाव के परिणाम की घोषणा हो जाएगी. इसके साथ ही ये भी पता लग जाऐगा की किस राज्य में किसको मिलेगा मुख्यमंत्री का ताज. रिपोर्ट की माने तो इस बार कांग्रेस कर्नाटक की तरह कई राज्यों में कमाल कर सकती है. कई एग्जिट पोल के मुताबिक राजस्थान, मिजोरम,तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बन सकती है. लेकिन मध्य प्रदेश में बीजेपी शायद कांग्रेस को क्लीन स्वीप कर सकती है. कहा जा रहा है की मध्य प्रदेश में पांचवी बार शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाल सकते है.

कांग्रेस से कहा हुई चुक

जहां कांग्रेस के लिए चार राज्यों से खुशखबरी आने वाली है तो वहीं एमपी में कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है. लेकिन आखिर इसके पीछे की वजह क्या होगी ये सोचने वाली बात है. तो राजनीतिक ज्योत्षिय़ों की माने तो इसके पीछे की वजह कमलनाथ है. इसके पीछे सबसे पहली वजह कांग्रेस का I.N.D.I.A गठबंधन के साथ- साथ छोटे दलों से हटकर चुनाव लड़ना. जी हां, एमपी चुनाव के कारण ही अखिलेश य़ादव के साथ कांग्रेस का विवाद जगजाहिर हुआ था. जहां अखिलेश एमपी में 6 सीटों पर सपा के उम्मीदवार उतारना चाहते थे वहीं कांग्रेस ने इस सीटों पर पहले ही अपने उम्मीदवार उतार लिए थे. और इसका फैसला और किसी ने नहीं बल्कि कमलनाथ ने किया था. जिसके बाद सपा- कांग्रेस में विवाद काफी बढ़ गया था. अखिलेश यादव ने तो कमलनाथ को लेकर टिप्पणी तक कर दी थी की जिनके नाम में ही कमल है वो बीजेपी को सपोर्ट करेंगे.

शिवराज चौहान ने की जीतोड़ मेहनत!

अगर एमपी में बीजेपी फिर से सत्ता में आती है तो ये कहना गलत नहीं हो गा की इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान होंगे. शिवराज सिंह चौहान ने पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार और ज्यादा मेहनत की और ये बात उनहोंने खुद माना भी है. जैसी की आप जानते है की इस बार बीजेपी ने किसी भी राज्य में सीएम पद का के किसी भी फेस की घोषणा नहीं की थी. और शायद शिवराज सिंह चौहान इसे एक मौके के तौर पर देख रहे थे. इसलिए तो शिवराज चौहान जमीनी स्तर तक काम किया. जिसमें उनहोंने हर वर्ग को साधने की कोशिश की. साथ ही वो जानते थे की एमपी में महिला वोटरों कितना अहमियत रखती है. इसलिए तो सीएम चौहान ने कई कल्याणकारी य़ोजना से महिला वोटरों को साधा. जिनमें से लाडली योजना सबसे अहम माना जा रहा है. 

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