बिहार विधानसभा चुनाव : सियासत का रंगीन खेल शुरू

बिहार की सियासत इन दिनों पूरी तरह चुनावी माहौल में रंगी हुई है। हर गली-मोहल्ले से लेकर बड़े मंच तक चर्चा सिर्फ एक ही है – कौन जीतेगा, किसके सिर पर ताज सजेगा और कौन हार का स्वाद चखेगा?

चुनाव आयोग की तैयारी

  • तारीखों का ऐलान: चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि 6 अक्टूबर के बाद किसी भी दिन बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा।
  • अधिकारियों की तैयारी: आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि 6 अक्टूबर तक अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग की प्रक्रिया पूरी की जाए।
  • मुख्य दौरा: इसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार बिहार का दौरा करेंगे और औपचारिक तौर पर चुनावी कार्यक्रम घोषित करेंगे।

243 सीटों पर सियासी जंग

बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर इस बार मुकाबला बेहद रोमांचक होने वाला है।

  1. एनडीए (NDA): सत्ता पर काबिज है और दोबारा वापसी चाहती है।
  2. महागठबंधन / INDIA गठबंधन: नीतीश कुमार और उनके सहयोगियों को सत्ता से बाहर करना चाहता है।
  3. जन सुराज पार्टी (पीके): प्रशांत किशोर की नई पार्टी, जो जनता की आवाज़ बनकर पारंपरिक राजनीति को चुनौती दे रही है।

चुनाव से पहले ही गर्माया माहौल

  • एनडीए: विकास, सड़क, बिजली और सुगम सुविधाओं को जनता के सामने पेश कर रही है।
  • महागठबंधन: बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को उठाकर सरकार को घेर रहा है।
  • जन सुराज पार्टी: सीधे जनता से संवाद कर रही है और बदलाव का संदेश दे रही है।

इस चुनाव को रोचक बनाने वाली बातें

  1. एनडीए बनाम महागठबंधन: पारंपरिक टक्कर और अनुभव की जंग।
  2. जन सुराज पार्टी का नया रोल: नया चेहरा और चुनौतीपूर्ण रणनीति।
  3. चुनाव आयोग की सख्त निगरानी: पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया।

आगे क्या?

  • अब सबकी नजरें 6 अक्टूबर के बाद होने वाली चुनाव घोषणा पर टिकी हैं।
  • जैसे ही तारीखों का ऐलान होगा, बिहार में रैलियों, पोस्टरों और गांव-शहर की चौपालों की गूंज बढ़ जाएगी।
  • इस बार जनता का मूड किस ओर जाएगा, यह कहना अभी मुश्किल है, लेकिन इतना तय है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 राजनीति के इतिहास में नया अध्याय लिखेगा।
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