बचपन का प्यार और देखभाल रिश्तों को आकार देता है

Attachment Style क्या होता है?

Attachment Style यह दिखाता है कि हम रिश्तों में कैसे व्यवहार करते हैं — जैसे भावनाएं कैसे जताते हैं, भरोसा कैसे करते हैं, और मुश्किलों को कैसे संभालते हैं।

यह हमारी बचपन में माता-पिता या देखभाल करने वालों के साथ बने रिश्तों पर आधारित होता है

Attachment Style के मुख्य प्रकार

Secure Attachment (सुरक्षित जुड़ाव)

  • रिश्तों में भरोसा और आत्मविश्वास होता है
  • भावनाएं खुलकर जताते हैं
  • दूसरों पर भरोसा करना आसान होता है
  • बचपन में प्यार, सुरक्षा और स्थिरता मिली होती है

Anxious Attachment (चिंतित जुड़ाव)

  • हमेशा रिश्ते को खोने का डर
  • बार-बार आश्वासन माँगना (“क्या तुम मुझसे प्यार करते हो?”)
  • खुद पर कम, दूसरों पर ज़्यादा निर्भरता
  • बचपन में देखभाल अस्थिर या टुकड़ों में मिली हो

Avoidant Attachment (बचाव वाला जुड़ाव)

  • भावनाओं से दूरी बनाए रखते हैं
  • अकेले रहना पसंद करते हैं
  • commitment से डरते हैं
  • बचपन में भावनात्मक उपेक्षा या कठोरता मिली हो

Disorganized Attachment (अव्यवस्थित जुड़ाव)

  • प्यार और डर का मिला-जुला अनुभव
  • कभी बहुत पास, कभी अचानक दूर हो जाना
  • ट्रॉमा, हिंसा या डर वाले बचपन से जुड़ा होता है
  • रिश्तों में उलझन, अक्सर toxic patterns

Attachment Style और बचपन का रिश्ता

  • जब कोई बच्चा रोता है और उसे समय पर प्यार या सहारा मिलता है, तो वह भरोसा करना सीखता है।
  • यदि बार-बार उसकी ज़रूरतें अनदेखी की जाएं, तो उसके अंदर “Trust Deficit” (भरोसे की कमी) बन जाती है।

बचपन में माता-पिता का व्यवहार और उसका असर:

माता-पिता का व्यवहारअसरAttachment Style
प्यार और जवाबदेहीआत्मविश्वास, भरोसाSecure
उपेक्षा और दूरीभावनात्मक दूरी, अकेलापनAvoidant
अस्थिर देखभालचिंता, चिपकावAnxious
डर, हिंसा या ट्रॉमाउलझन, डर, अस्थिरताDisorganized

वयस्क रिश्तों में कैसे दिखते हैं ये Styles?

Secure:

  • संतुलित और सहायक पार्टनर
  • खुलकर बातचीत
  • समस्या आने पर भागते नहीं, हल निकालते हैं

Anxious:

  • ज़्यादा चिपकना, insecure महसूस करना
  • बार-बार प्यार का आश्वासन माँगना
  • बहुत ज़्यादा कॉल, मैसेज करना

Avoidant:

  • भावनाएं ज़ाहिर नहीं करते
  • नज़दीकी से डरते हैं
  • अकेलापन पसंद करते हैं

Disorganized:

  • एक तरफ प्यार की चाह, दूसरी तरफ डर
  • उलझे हुए व्यवहार
  • abusive या toxic रिश्तों में फँसने की संभावना ज़्यादा

बचपन के अनुभव दोहराना (“Repetition Compulsion”)

कुछ लोग अनजाने में ऐसे पार्टनर चुनते हैं जो बचपन के देखभाल करने वालों जैसे होते हैं — भले ही वो toxic हों।

यह subconscious pattern बार-बार toxic रिश्तों की ओर ले जा सकता है।

क्या Attachment Style बदले जा सकते हैं?

हाँ, बदले जा सकते हैं!

अगर आप:

  • Self-awareness बढ़ाएं
  • Journaling और थैरेपी करें
  • “Inner child” की healing करें
  • हेल्दी और सपोर्टिव रिश्ते बनाएं

तो आप अपनी सोच और व्यवहार में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

बदलाव की दिशा में 5 कदम:

  1. Inner child healing करें — अपने बचपन की भावनाओं को समझें
  2. हेल्दी बॉन्ड्स बनाएं — ऐसे लोगों से जुड़ें जो आपको समझें
  3. Communicate करें — डर से नहीं, समझदारी से
  4. Boundaries सेट करें — toxic व्यवहार बर्दाश्त न करें
  5. थैरेपी या Self-Work करें — अपने व्यवहार की जड़ तक जाएं

Attachment Style समझना क्यों ज़रूरी है?

  • ताकि हम अपने रिश्तों को बेहतर समझ सकें
  • दूसरों को दोष देने के बजाय मूल कारण को पहचानें
  • भावनात्मक रूप से mature और सचेत (aware) बनें
  • खुद को और दूसरों को माफ़ करना सीखें

Attachment Style हमारी कहानी का एक हिस्सा है, लेकिन पूरी कहानी नहीं। बदलाव मुमकिन है — बस शुरुआत करनी होती है।

Source- research by me and taken help of AI to frame it

This article is written by Shreya Bharti, Intern at News World India

Spread the News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *