फिर से आ रहा कोरोना, इस बार खतरा और भी ज्यादा

नोएडा में कोरोना का पहला केस सामने आया है बताया जा रहा है की 55 साल की महिला कोरोना पॉजिटिव मिली है जिसे आइसोलेशन में रखा गया है…..
कोविड-19 महामारी की भयावह यादें अभी पूरी तरह धुंधली नहीं हुई थीं कि कोरोना वायरस एक बार फिर नई चुनौती बनकर सामने आ रहा है। ओमिक्रॉन का नया सब-वैरिएंट JN.1 अब एशिया के कई देशों में तेजी से फैल रहा है। सिंगापुर, हांगकांग, और थाईलैंड में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेज़ उछाल देखने को मिला है, वहीं भारत में भी कुछ शहरों में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है।
क्या है JN.1 वैरिएंट?
JN.1, ओमिक्रॉन के BA.2.86 (पिरोला) वैरिएंट का एक सब-वैरिएंट है, जिसकी पहचान 2023 के अंत में हुई थी। यह अन्य वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा संक्रामक है और वैक्सीन या पहले हुए संक्रमण से बनी इम्युनिटी को चकमा देने की क्षमता रखता है। WHO के अनुसार, इसमें 30 से अधिक म्यूटेशन हैं, जिनमें LF.7 और NB.1.8 भी प्रमुख हैं।
कितना खतरनाक है JN.1?
अब तक उपलब्ध डेटा के अनुसार:
- JN.1 के लक्षण हल्के से मध्यम स्तर के हैं।
- गंभीर बीमारी का खतरा कम है।
- तेज़ी से फैलने की इसकी क्षमता सबसे बड़ी चिंता है।
मुख्य लक्षण:
गले में खराश सूखी खांसी बहती या बंद नाक सिरदर्द बुखार थकान और मांसपेशियों में दर्द कुछ मामलों में डायरिया (दस्त) और नींद न आना कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में यह ज्यादा असर कर सकता है।
भारत में स्थिति क्या है?
भारत में अभी मामले नियंत्रण में हैं, लेकिन मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद जैसे शहरों में मामूली वृद्धि देखी गई है। 19 मई तक 257 एक्टिव केस सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ILI (इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी) और SARI (गंभीर श्वसन संक्रमण) वाले मरीजों की कोविड टेस्टिंग बढ़ा दी है।
क्या करें? एक्सपर्ट्स की सलाह:
1. क्या बूस्टर डोज जरूरी है?
- हां, खासतौर पर बुजुर्ग, कमजोर इम्युनिटी वाले और को-मॉर्बिडिटी वाले लोगों को बूस्टर डोज लेने की सलाह दी जाती है।
- JN.1 के लिए खास वैक्सीन अभी उपलब्ध नहीं है, लेकिन मौजूदा बूस्टर डोज गंभीर संक्रमण से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
2. क्या मास्क पहनना चाहिए?
- हां। भीड़-भाड़ वाले इलाकों, हवाई अड्डों, और इनडोर स्थानों पर मास्क जरूर पहनें।
- जिनकी इम्युनिटी कमजोर है, उन्हें विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
3. हाथ धोना क्यों जरूरी है?
- बाहर से आने पर हाथ धोना एक आदत बनाएं।
- वायरस से बचाव के लिए यह एक सरल और प्रभावी उपाय है।
सिंगापुर और हांगकांग में हालात:
- सिंगापुर में 3 मई के हफ्ते में 14,200 नए केस, जबकि पिछली बार 11,100 थे।
- अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या में 30% की वृद्धि।
- हांगकांग में एक ही हफ्ते में 31 मौतें, जो इस साल की अब तक की सबसे अधिक हैं।
JN.1 से कैसे बचें?
✅ मास्क का नियमित उपयोग करें ✅ बीमार महसूस होने पर बाहर न जाएं ✅ बार-बार हाथ धोएं
✅ भीड़भाड़ से बचें ✅ टीकाकरण समय पर कराएं ✅ डॉक्टर की सलाह को नजरअंदाज न करें
डॉक्टर्स का संदेश:
“यह घबराने की नहीं, बल्कि सतर्क रहने की घड़ी है। JN.1 से अधिकतर मामलों में गंभीर स्थिति नहीं बन रही, लेकिन अधिक जोखिम वाले समूहों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।”
— डॉ. संदीप बुद्धिराजा, ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर, मैक्स हेल्थकेयर
JN.1 फिलहाल भारत के लिए बड़ा खतरा नहीं है, लेकिन इसकी तेज़ी से फैलने की प्रवृत्ति को देखते हुए हमें सतर्क रहना बेहद जरूरी है। नियमित सावधानी बरतने से हम न सिर्फ खुद को, बल्कि अपने आसपास के लोगों को भी सुरक्षित रख सकते हैं।

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