पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन नेपाल के रास्ते भारत पर हमला कर सकते हैं: राष्ट्रपति के सलाहकार

क्या नेपाल की ज़मीन से भारत पर हमला कर सकते हैं आतंकवादी? काठमांडू में उठा बड़ा सवाल
हाल ही में काठमांडू में हुए एक सेमिनार में नेपाल के राष्ट्रपति के प्रमुख राजनीतिक सलाहकार सुनील बहादुर थापा ने एक चौंकाने वाली चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन, जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद, भविष्य में भारत पर हमला करने के लिए नेपाल की धरती का इस्तेमाल कर सकते हैं।
यह बात उन्होंने एक सेमिनार में कही जिसका विषय था —
“दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा की चुनौतियाँ।”
नेपाल की खुली सीमाएं बन रही हैं खतरे का रास्ता
थापा ने साफ तौर पर कहा कि नेपाल की सीमाएं कमजोर और खुली हैं। इसका फायदा उठाकर आतंकी संगठन घुसपैठ की योजना बना सकते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI पहले भी नेपाल के ज़रिए भारत में आतंक फैलाने की कोशिश कर चुकी है।
जब नेपाल से उड़ान भरी थी आतंक ने – IC 814 की घटना
1999 की एक भयानक घटना आज भी लोगों को याद है —
काठमांडू से दिल्ली जा रही इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 814 को आतंकवादियों ने हाइजैक कर लिया था।
यह फ्लाइट सीधा कंधार, अफगानिस्तान ले जाई गई थी, जहाँ यात्रियों को बंधक बना लिया गया था।
इस घटना ने दुनिया को दिखाया कि नेपाल की धरती को आतंकवाद के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

भारत-नेपाल सीमा पर पहले भी पकड़े गए हैं आतंकी
थापा ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा पर पहले भी कई खतरनाक आतंकवादियों को पकड़ा जा चुका है।
- 2013 में लश्कर का बड़ा आतंकी अब्दुल करीम टूंडा नेपाल बॉर्डर से पकड़ा गया था।
- मिर्जा दिलशाद बेग, जो एक नेपाली सांसद और भारत के मूल निवासी थे, उनकी दाऊद इब्राहिम और ISI से करीबी मानी जाती थी। उनकी हत्या भी एक संदिग्ध आतंकी संबंधों को लेकर हुई थी।
कश्मीर हमले में नेपाली नागरिक की मौत
थापा ने हाल ही की एक घटना का भी ज़िक्र किया —
अप्रैल 2025 में कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकी हमले में एक नेपाली नागरिक की जान चली गई।
यह हमला हिंदू तीर्थयात्रियों पर हुआ था। इससे साफ है कि आतंकवाद अब सीमाओं का सम्मान नहीं करता।
क्या है समाधान? सेमिनार से निकले तीन अहम सुझाव
यह सेमिनार नेपाल इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड एंगेजमेंट (NIICE) द्वारा आयोजित किया गया था।
सेमिनार में तीन बातें सबसे अहम निकलकर सामने आईं:
- भारत और नेपाल को मिलकर खुफिया जानकारी साझा करनी चाहिए।
- सीमा पर संयुक्त निगरानी और गश्त बढ़ानी होगी।
- आतंकवाद के खिलाफ पूरे क्षेत्र को मिलकर लड़ना होगा — अकेले नहीं।
निष्कर्ष
नेपाल के वरिष्ठ सलाहकार की यह चेतावनी मामूली नहीं है।
क्या भारत और नेपाल अब इस खतरे को गंभीरता से लेंगे?
या फिर एक और IC 814 जैसी घटना का इंतजार किया जाएगा?
Sources:
https://youtu.be/S6XiHWYAZNg?si=Vs5gFNm40s1I1KCe
(This article is written by Mohammad Anas Chaudhary, Intern at News World India. )

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