पाकिस्तान की एयरस्ट्राइक में 9 बच्चे,10 लोगों की मौत

अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में मंगलवार को एक दिल दहला देने वाला मंजर देखने को मिला। एक लाइन में 10 कब्रें खोदी गईं और कुछ ही मिनटों में बेगुनाह लोगों की लाशें वहां लाई गईं। इनमें सिर्फ़ 1 महीने की आलिया, और 16 महीने का मोहिबुल्लाह भी शामिल थे।

भीड़ कभी रोते–बिलखते दिखी, तो कभी गुस्से से चिल्लाती—क्योंकि ये मौतें किसी हादसे से नहीं, बल्कि पाकिस्तानी एयर फोर्स की आधी रात की एयरस्ट्राइक से हुई थीं।

एक परिवार के 9 बच्चे खत्म — दिल तोड़ देने वाली कहानी

पाकिस्तानी एयर फोर्स ने 25 नवंबर की आधी रात खोस्त के गुरबाज ज़िले में हमला किया।
इसमें एक ही परिवार के 10 लोग मारे गए, जिनमें 9 बच्चे थे।

नूर असलम के 7 बच्चे मारे गए:

  • मोहिबुल्लाह (16 महीने)
  • होजबुल्लाह (3 साल)
  • शमसुल्लाह (5 साल)
  • असदुल्लाह (7 साल)
  • दादुल्लाह (13 साल)
  • पलवासा (11 साल)
  • आइसा (7 साल)

समीउल्लाह की बेटियां:

  • आसिया (3 साल)
  • आलिया (1 महीने)

एक और महिला:

  • रजिया (35 वर्ष)

इनमें से कोई भी आतंकवादी नहीं था। सभी अपने घरों में सोते हुए मारे गए।

हमला आधी रात को हुआ — सबकुछ मलबे में बदल गया

गवाहों के अनुसार, हमला रात में तब हुआ जब सभी लोग सो रहे थे।

वलीउर रहमान, चश्मदीद:
“जब हम पहुंचे, शव मलबे में दबे हुए थे। 10 लोग मारे गए, 3 घायल हुए।”

शरीयत खान, रिश्तेदार:
“एक लड़का और एक लड़की बचे… बाकी 10 लोग शहीद हो गए।”

गुरबाज जिला — पाकिस्तान बॉर्डर के नज़दीक, हमेशा तनाव में

  • अफगानिस्तान का दक्षिण–पूर्वी हिस्सा
  • पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा से सटा
  • पहाड़ी और घना इलाका
  • कुल आबादी: लगभग 6.5 लाख, जिनमें 99% पश्तून

इस इलाके में अक्सर पाकिस्तान की तरफ़ से हमले होते रहे हैं।

पीड़ितों के परिवार का गुस्सा — “हम बेगुनाह हैं, दुनिया चुप क्यों है?”

लोगों ने इसे इंसानियत और अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन बताया।

अब्दुल अलीम, रिश्तेदार:
“हर बार पाकिस्तान आम नागरिकों को ही निशाना बनाता है। दुनिया चुप क्यों है?”

अकबर जान, रिश्तेदार:
“अगर ये बर्बरता जारी रही, तो हम कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं।”

पाकिस्तान की सफ़ाई — “हमारे तरीके अलग हैं”

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा:

  • “हम तालिबान जैसे नहीं हैं।”
  • “हमारा कोड ऑफ कंडक्ट है।”
  • “हम आम लोगों को निशाना नहीं बनाते।”

लेकिन मौतें क्या कह रही हैं?
हकीकत यह है कि मारे गए सभी नागरिक, और उनमें भी ज्यादातर बच्चे थे।

अफगान–पाक तनाव लगातार बढ़ रहा है

दोनों देशों के बीच शांति बहाल करने की तीन कोशिशें पहले ही नाकाम हो चुकी हैं।
यह हमला रिश्तों को और ज्यादा खतरनाक मोड़ पर ले जा रहा है।

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