नए जिलों के गठन का मामला गर्माया

लोकसभा चुनाव में अब बहुत ज्यादा समय नहीं बचा हुआ है लेकिन सियासी मुद्दों के बीच अब चुनाव में नए जिलों का गठन का मामला भी गरमाना तय हो गया है। सच्चाई यह है की सरकारों के स्तर पर आयोग और समिति बनाने से लेकर नए जिलों के मानक तय करने से आगे कुछ नहीं हो पाया।
2011 में बना था जिला पुनर्गठन आयोग
नई जिला के गठन के कवायत सिर्फ बैठकों तक सीमित रह गई है पिछले 15 सालों में जिलों के गठन के लिए बनाए गए आयोग और समिति की 10 से ज्यादा बैठके हो चुकी है लेकिन नए जिलों के गठन का नतीजा सिफर रहा है। साल 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के कार्यकाल में चार नए जिलों के गठन की अधिसूचना जारी कर दी गई थी लेकिन राज्य में नए जिलों के गठन के लिए प्रयास 2009 से शुरू हो चुका था. वर्ष 2009 में मुख्य राजस्व आयुक्त की अध्यक्षता में समिति बनाई गई वर्ष 2012 में राजस्व परिषद के अध्यक्ष में दोबारा समिति बनाई गई. 2011 में जिला पुनर्गठन आयोग बना दिया गया। समिति को प्रस्ताव विचार कर उसकी रिपोर्ट आयोग को देने के लिए कहा गया. नए जिलों के गठन के संबंध में राजस्व परिषद से प्राप्त सूचना के मुताबिक 23 जनवरी 2013 को आयुक्त गढ़वाल की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक से शुरुवात हुई और बैठकों के दौर चलते रहे ।
- साल 2011 में कोटद्वार यमुनोत्री रानीखेत आरडीडी घाट जिलों के गठन बनाने का निर्णय हुआ
- इसके लिए गढ़वाल और कुमाऊं आयुक्त के माध्यम से तय मानकों के हिसाब से स्वरूपता तय हुआ
- यमुनोत्री की 138559 प्रस्तावित आबादी तय हुई , जिसमें तीन तहसील तीन विकासखंड दो थाने 45 पटवारी क्षेत्र सम्मिलित होने थे
- कोटद्वार में 324122 आबादी का प्रस्ताव था जिसमें पांच तहसील छह ब्लॉक 7 थाने और 109 पटवारी क्षेत्र सम्मिलित होने थे
- रानीखेत में 328621 की आबादी का प्रस्ताव था जिसमें पांच तहसील छह ब्लॉक 4 थाने व 120 पटवारी क्षेत्र शामिल होने थे
- डीडीहाट में 152227 की आबादी, तीन तहसील तीन ब्लॉक , 9 थाने और 54 पटवारी क्षेत्र प्रस्तावित किए गए थे
- 2017 में तत्कालीन सरकार में चार और नए जिलों को बनाने की कसरत शुरू हुई
- इस सूची में काशीपुर ऋषिकेश रुड़की और रामनगर के नाम शामिल हुए
- राजस्व परिषद की ओर से सिर्फ काशीपुर के प्रस्ताव के संबंध में सूचना दी गई
जिलों के गठन को लेकर भाजपा ने भी अपनी सरकार की तारीफ
जिलों के गठन को लेकर भाजपा ने भी अपनी सरकार की तारीफ की है और कहा कि अगर नई और छोटी प्रशासनिक इकाइयों का किसी सरकार ने समर्थन किया है तो वह भाजपा की सरकार रही है । इसलिए अगर नई प्रशासनिक इकाइयों की जरूरत पड़ती है तो भाजपा सरकार उस दिशा में भी काम करेगी।
कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर जमकर बोला हमला
कांग्रेस पार्टी नए जिलों के गठन को लेकर भाजपा सरकार पर ही जुबानी हमला करते हुए नजर आ रही है. क्योंकि पूर्ववर्ती निशंक सरकार में जिन जिलों का गठन करने को लेकर प्रस्ताव आया था उनके लिए तो बाद की सरकार कुछ नहीं कर पाई है और अब जब नए जिलों की बात फिर हो रही है तो भाजपा उस पर भी अपना कोई स्पष्ट मत नहीं दे पा रही है।

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