दिल्ली के बाद बेंगलुरु के स्कूलों को बम धमकी मिली।

ईमेल के ज़रिए भेजी गई धमकी, स्कूलों में अफरा-तफरी
बेंगलुरु और दिल्ली के स्कूलों को एक बार फिर बम से उड़ाने की धमकियाँ मिली हैं। बेंगलुरु में करीब 40 निजी स्कूलों को और दिल्ली में 20 से अधिक स्कूलों को यह धमकी ईमेल के ज़रिए भेजी गई। धमकी मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और तत्काल सभी स्कूलों को खाली करवाया गया।
फौरन कार्रवाई: पुलिस, बम निरोधक दस्ते और श्वान दल मौके पर
पुलिस और अग्निशमन विभाग के कर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे।
बम निरोधक दस्ता और श्वान दल (डॉग स्क्वॉड) ने स्कूल परिसरों की सघन तलाशी ली।
ज़्यादातर स्कूलों की पूरी तरह से जांच की जा चुकी है और अब तक किसी भी स्थान पर कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है।
बेंगलुरु पुलिस ने बताया कि सभी जरूरी एहतियाती कदम उठाए जा चुके हैं।
त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) की टीम ने निकासी और तलाशी अभियान को कुशलता से अंजाम दिया।
इस घटना के बाद बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच चिंता और दहशत का माहौल देखा गया।

दिल्ली में भी धमकियाँ, इतिहास दोहराया गया
यह कोई पहली बार नहीं है।
आज सुबह दिल्ली के 20 से अधिक स्कूलों को भी समान रूप से ईमेल के जरिए धमकी मिली।
पुलिस के अनुसार, ये ईमेल सुबह 5:30 से 6:15 के बीच भेजे गए थे।
इनमें स्कूलों को बम से उड़ाने की स्पष्ट चेतावनी दी गई थी।
इसके पहले भी 14 जुलाई को दिल्ली के तीन स्कूलों —
- नेवी स्कूल, चाणक्यपुरी
- सीआरपीएफ स्कूल, द्वारका
- एक स्कूल, रोहिणी
— को इसी तरह की धमकी मिल चुकी है, जो बाद में फर्जी निकली।
अभिभावकों से अपील: शांति बनाए रखें, अफवाहों से बचें
पुलिस और प्रशासन ने अभिभावकों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
किसी भी तरह की अफवाहों से दूर रहने और आधिकारिक सूचनाओं पर ही भरोसा करने की सलाह दी गई है।
स्कूलों की सुरक्षा को लेकर सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
ईमेल की जांच जारी, तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है
फिलहाल, पुलिस ईमेल की ट्रेसिंग में जुटी हुई है।
तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ईमेल कहाँ से भेजा गया और इसके पीछे कौन व्यक्ति या संगठन हो सकता है।
मामले को गंभीरता से लिया गया है और हर एंगल से जांच की जा रही है।
प्रशासन का कहना है कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सतर्क निगरानी जारी है।
बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है
इन लगातार मिल रही धमकियों ने छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की मानसिक शांति को गहरा झटका दिया है।
चाहे ये ईमेल फर्जी हों या किसी साजिश का हिस्सा —
इनसे बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा का वातावरण और अभिभावकों का भरोसा प्रभावित होता है।
ज़रूरत इस बात की है कि प्रशासन न केवल तुरंत एक्शन ले,
बल्कि ऐसे मामलों को जड़ से समाप्त करने के लिए साइबर सुरक्षा और स्कूल सुरक्षा नीतियों को और मजबूत करे।
(This article is written by Shreya Bharti, Intern at News World India.)

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