आज के दौर में तकनीक का क्रेज

आज की दुनिया में टेक्नोलॉजी यानी तकनीक का जबरदस्त असर है।
बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक — हर कोई किसी न किसी रूप में इसका इस्तेमाल कर रहा है:
मोबाइल, लैपटॉप, इंटरनेट, स्मार्टवॉच — अब ये सब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं।

पर सवाल यह है —
क्या तकनीक का यह बढ़ता क्रेज पूरी तरह सही है? या इसके कुछ नुकसान भी हैं?

तकनीक के फायदे

  1. संपर्क आसान हुआ – अब किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति से सेकंडों में बात की जा सकती है।
  2. शिक्षा घर तक पहुंची – ऑनलाइन क्लासेस और यूट्यूब ने पढ़ाई को सुलभ और सस्ती बना दिया है।
  3. स्वास्थ्य सेवाएं डिजिटल हुईं – डॉक्टर कंसल्टेशन, रिपोर्ट्स और दवाइयां अब घर बैठे मिलती हैं
  4. ऑनलाइन शॉपिंग और पेमेंट – बाजार की भीड़ से बचकर, सब कुछ मोबाइल पर उपलब्ध है।

कुल मिलाकर, तकनीक ने हमारी जिंदगी को तेज़, सुविधाजनक और स्मार्ट बना दिया है।

लेकिन इसके नुक़सान भी हैं…

  1. शारीरिक गतिविधि घट गई है – सब कुछ घर बैठे हो जाने से लोग कम चलते-फिरते हैं।
  2. साइबर क्राइम बढ़ा – हैकिंग, डेटा चोरी और फ्रॉड जैसे मामले तेजी से बढ़े हैं
  3. सोचने की शक्ति कम हो रही है – हर सवाल का जवाब अब गूगल पर ढूंढा जाता है, खुद नहीं सोचा जाता।
  4. रिश्तों में दूरी – सोशल मीडिया पर जुड़े रहने के बावजूद, असल मिलना-जुलना कम हो गया है।

बैलेंस ही सबसे ज़रूरी है

तकनीक दुश्मन नहीं, बल्कि एक ज़रूरी साधन है।
पर अगर हम इसका अति-उपयोग करने लगें, तो यही तकनीक हमें:

  • मानसिक रूप से कमजोर
  • शारीरिक रूप से सुस्त
  • और सामाजिक रूप से अकेला

बना सकती है।

क्या करें?

  • हर समय ऑनलाइन रहने की ज़रूरत नहीं है
  • दिन का कुछ समय खुद, परिवार और स्वास्थ्य के लिए रखें
  • वर्चुअल के साथ रियल कनेक्शन भी बनाए रखें
  • टेक्नोलॉजी को कंट्रोल करें, उसका गुलाम न बनें

निष्कर्ष

“तकनीक ज़रूरी है, लेकिन ज़िंदगी उससे ज़्यादा ज़रूरी है।”
इसलिए तकनीक को सहारा बनाएं, सहारा न बन जाएं।

This Article Is Written By Pragya Rai, Intern In News World India

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