जिया खान और सूरज पंचोली केस जो सूरज पंचोली को आज भी जीने नहीं दे रहा

सूरज पंचोली इन दिनों एक बार फिर से फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में उनकी फिल्म ‘केसरी वीर’ 23 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हुई, जिसमें सुनील शेट्टी जैसे दिग्गज कलाकार भी नजर आए, हालांकि फिल्म को अब तक खास प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है और बॉक्स ऑफिस पर इसका प्रदर्शन कमजोर रहा है। अपने काम के साथ-साथ सूरज ने एक इंटरव्यू के दौरान अपने जेल के दिनों को भी याद किया। हिंदी रश से बातचीत में उन्होंने बताया कि जब वह 21 साल के थे, तब उन्हें जिया खान सुसाइड केस में गिरफ्तार कर ऑर्थर रोड जेल के ‘अंडा सेल’ में भेजा गया था—वही सेल जिसमें 26/11 के दोषी अजमल कसाब को रखा गया था। सूरज ने कहा, “उन्होंने मुझे ऐसे ट्रीट किया जैसे मैंने कोई बम ब्लास्ट किया हो। मेरे पास तकिया तक नहीं था, मैं अखबार पर सोता था।” उनका कहना है कि यह अनुभव उनके लिए बेहद डरावना और कठिन था, और वर्षों बाद जाकर उन्हें यह एहसास हुआ कि वह किस मानसिक स्थिति से गुजरे थे। हालांकि, कोर्ट द्वारा 2023 में सबूतों के अभाव में सूरज पंचोली को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है। फिल्मी करियर की बात करें तो उन्होंने 2015 में फिल्म ‘हीरो’ से डेब्यू किया था और इसके बाद 2019 में ‘सेटेलाइट शंकर’ तथा 2021 में ‘टाइम टू डांस’ जैसी फिल्मों में काम किया।

जिया खान, महज 25 साल की उम्र में बॉलीवुड में कदम रखने वाली एक उभरती हुई अभिनेत्री थीं, जिन्होंने “निशब्द” में अमिताभ बच्चन और “गजनी” में आमिर खान के साथ काम कर दर्शकों के दिलों में जगह बना ली थी। गजनी का गीत “लट्टू” आज भी उनके नाम के साथ जुड़ा हुआ है। लेकिन 3 जून 2013 को जिया खान की रहस्यमयी मौत ने पूरी फिल्म इंडस्ट्री को झकझोर दिया। उन्हें मुंबई स्थित अपने फ्लैट में मृत पाया गया और घटनास्थल से मिले छह पन्नों के एक सुसाइड नोट के आधार पर उनके बॉयफ्रेंड सूरज पंचोली पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया। जिया की मां राबिया खान ने इसे हत्या करार दिया और लगातार न्याय की मांग की। मामला लंबा खिंचता गया—2014 में CBI जांच की मांग स्वीकार हुई, 2015 में सूरज के घर छापा पड़ा, 2016 में फॉरेंसिक विवाद गहराया, और 2017 से 2022 तक कानूनी लड़ाई जारी रही। वहीं, सूरज पंचोली ने जेल में बिताए 22 दिनों को लेकर हाल ही में खुलासा किया कि उन्हें उसी ‘अंडा सेल’ में रखा गया था जहां आतंकी कसाब को रखा गया था, और उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार हुआ। 2023 में आखिरकार विशेष CBI अदालत ने सबूतों के अभाव में सूरज पंचोली को सभी आरोपों से बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि उपलब्ध सबूतों के आधार पर उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता। यह मामला न सिर्फ एक दर्दनाक प्रेम कहानी और कानूनी लड़ाई का प्रतीक बन गया, बल्कि भारतीय न्याय प्रणाली की धीमी प्रक्रिया और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी पर भी सवाल खड़े करता है।

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