क्या सीएम पद की रेस में वसुंधरा लौट आई हैं ?

क्या वसुंधरा की नाराजगी हो गई दूर?

राजस्थान में 25 नवंबर को चुनाव होने है ऐसे में सभी पार्टियां पूरे जोश के साथ चुनाव प्रचार में जुटी हुई है. वहीं बीजेपी की बात करें तो खुद पीएम ने भी चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ा है. पीएम चुनाव प्रचार के थमने से पहले एक दी दिन में कई जगहों पर जनसभा और रैली कर रहे है. वहीं इन 2 बार के चुनाव के बाद शायद पहली बार ही होगा जब बीजेपी बिना सीएम फेस के चुनाव में उतरी है. वहीं बात की जाए वसुंधरा राजे की तो एक तरफ राजस्थान की पूर्व सीएम रही वसुंधरा राजे को अब तक बीजेपी ने साइड कर रखा था. लेकिन शायद अब बीजेपी को इस बात का अंदाजा लग गया है की वसुंधरा की उन्हें राजस्थान में सबसे ज्यादा जरुरत है. कहा जा रहा था की वसुंधरा राजे खुद भी बीजेपी से नाराज चल रही थी क्योंकि बीजेपी ने इस बार सीएम फेस को लेकर कुछ क्लियर नहीं किया था और जो हालात दिख रहे थे उससे तो ऐसा लग रहा था जैसे की वसुंधरा को बीजेपी धीरे धीरे साइडलाइन कर रही थी. लेकिन अब जो नजारा राजस्थान में देखने को मिला रहा है उससे ऐसा लगता है जैसे राजस्थान में बीजेपी ने माहौल बदल दिया है.

क्या राजस्थान में वसुंधरा की होगी सीएम की उम्मीदवार?

दरअसल राजस्थान के 12 जिलों में आयोजित रैली में पीएम मोदी और वसुंधरा राजे एक साथ दिखाई दिए. यहीं नहीं यहां पीएम मोदी और वसुंधरा राजे के बीच काफी कैमेस्ट्री देखने को मिली. वसुंधरा राजे ने मंच से पीएम की काफी तारिफ भी की. आपको बता दें की चुनाव की घोषणा के बाद ये पहला मौका था जब पीएम मोदी और वसुंधरा राजे एक साथ एक मंच पर दिखाई दिए हो. वहीं इस मौके पर वसुंधरा के बेटे दुष्यंत चौटाला भी मंच पर मौजूद रहे है. दुष्यंत ने पीएम मोदी को पगड़ी पहनाकर उनका अभिवादन और उनको सम्मानित किया. वहीं पीएम मोदी और वसुंधरा राजे के एक मंच पर साथ दिखने के बाद अब चर्चा का विषय ये बन गया है की क्या बीजेपी में अब सब ठीक हो गया है? क्योंकि जो वसुंधरा सरकार की उपलब्धियों को गिनवाने से भी कतरा रही थी वो ही वसुंधरा अब मंच से पीएम की तारिफ कर रही है?

क्या सीएम पद की रेस में वसुंधरा लौट आई हैं?

राजस्थान के विधानसभा चुनाव में बीजेपी जीतेगी या हारेगी, और अगर जीतती है तो किसे सीएम पद के लिए चुना जाऐगा ये तो आने वाले वक्त में पता चल ही जाऐगा. लेकिन इस बात को भी झुठलाया नहीं जा सकता की वसुंधरा राजे अपने आप में ही बड़ा नाम है. वसुंधरा की पैठ ना सिर्फ राजपूतों में बल्कि जाट, गुर्जर में भी है. राजस्थान में कुल 200 सीटों में वसुंधरा राजे के 60 सीटों पर दबदबा है. यानी बहुमत के लिए 50 प्रतिशत से भी ज्यादा की सीटों पर वसुंधरा का वर्चस्व है. ऐसे में शायद यहीं बात अब बीजेपी को समझ आ चुकी है. वहीं एक बात ये भी है की राजस्थान में महिला वोटरों की संख्या काफी है और राजस्थान में हमेशा महिला अपराधों को लेकर आवाज उठती रहती है. ऐसे में वसुंधरा को फोर्म में लाना बीजेपी के लिए सही साबित हो सकता है.

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