कैप्टन शुभम गुप्ता आतंकी हमले में हुए शहीद

परिवार में मचा कोहराम, इलाके में छाया मातम

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़ में आगरा के लाल कैप्टन शुभम गुप्ता रजौरी शहीद हो गए । उनकी शहादत की सूचना मिलते ही घर पर कोहराम मच गया। पिता बसंत गुप्ता के पास फोन आया, फोन पर खबर सुनते ही उनकी आंखों से आंसू निकल पडे़, मोबाइल हाथ से छूट गया। बेसुध होकर बैठ गए। थोड़ी देर में पूरे शहर में शहादत  की खबर फैल गई। अधिकारी, जनप्रतिनिधि परिवार को ढांढस बंधाने पहुंच गए। हर किसी की आंख में आंसू थे। बताया गया है कि आज शाम तक पार्थिव शरीर आगरा आ सकता है।

पिता-मां बेसुध, बदले की हो रही मांग

आगरा के जिला शासकीय अधिवक्ता बसंत कुमार के बेटे कैप्टन शुभम गुप्ता बुधवार को राजौरी में शहीद हो गए।बेटे के गम में मां का रो रोकर बुरा हाल था। वो बस एक ही बात कह  रही थीं। बेटे ने दीपावली पर वादा किया था कि जल्दी छुट्‌टी मिलते ही घर आऊंगा। इस बार वो अक्टूबर में अपने जन्मदिन पर भी नहीं आ पाया था। बेटे को याद करते हुए मां कई बार बेहोश हो गई। पिता भी बेटे को याद करते हुए बार-बार बेसुध हो रहे थे।

शुभम ने सेंट जॉर्जिस इंटर कॉलेज से 12वीं तक की पढ़ाई की थी। इसके बाद 2015 में नेशनल डिफेंस एकेडमी में प्रवेश लिया। 2018 में उन्हें सेना में कमीशन मिला। शुभम बेहद जाबांज थे। उन्होंने स्पेशल फार्सेज की कठिन ट्रेनिंग ली थी। सेना के कई ऑपरेशन को अंजाम दिया। उनकी पहली पोस्टिंग ऊधमपुर में थी।

दोस्तों ने किया वादा, आतंकवादियों को जिंदा नहीं छोडे़ंगे

शुभम के पिता ने बताया शुभम बचपन से जाबांज था। उसका चयन सिग्नल कोर में हुआ था। मगर, उन्होंने परिवार को बिना बताए अपना कोर बदल दिया था। जब उन्होंने पैरा की ट्रेनिंग पूरी कर ली थी, इसके बाद भी नहीं बताया था। उनके एक दोस्त ने बाद में उन्हें बताया था कि शुभम अब कमांडो फोर्स का हिस्सा है। उन्होंने कहाकि बेटे ने सर्वोच्च बलिदान दिया है। बेटे की शहादत पर नाज है। उसके दोस्तों ने वादा किया है कि आतंकवादियों को जिंदा नहीं छोडे़ंगे।

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