कब आऐंगे उत्तरकाशी के टनल में फंसे मजदूर बाहर
लोगों ने हादसे को दैव्य शक्ति के रूप में देखा
उत्तरकाशी के सिलक्यारा में हुए टनल हादसे को दैव्य शक्ति के रूप में भी देखा जा रहा है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि बॉक्स नाग देवता का मंदिर नहीं तोड़ा जाता तो यह हादसा नहीं होता। निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में दीपावली की सुबह 5:30 बजे करीब 55 मीटर मालवा आया जिसके चलते टनल के भीतर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए। दैव्या शक्ति को इसलिए जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि हादसे के 2 दिन पहले ही टनल के बाहर बने बौख नाग के मंदिर को तोड़ा गया।
बैग नाग देवता के मंदिर को तोड़ना बना हादसे की वजह
स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि इस मंदिर को नहीं तोड़ा जाता तो यह घटनाक्रम नहीं देखने को मिलता। 65 वर्षीय स्थानीय बुजुर्ग का कहना है कि एक दरमियां की बात है जब विशाल राणा जो एक राजा था जब अपनी शादी लेकर राडी टॉप पर पहुंचा तब राजा ने अपने गुरुर के चलते देवता बोख नाग को सिरफल देने से मना कर दिया तब बौखा नाग ने पूरी शादी को लपेट ली और वह शादी यही समा गई। इस स्थान पर समा गई।
क्या विज्ञान और आस्था के जरिए होगा रेस्क्यू पूरा
इस बात का आभास होने लगा तो मंदिर को फिर से विधिवत पूजा अर्चना कर स्थापित किया गया। और यह भी कहा गया की मंदिर को टनल के मुहाने पर फिर से निर्मित किया जाएगा। जब घटनास्थल पर अंतर्राष्ट्रीय टनल एक्सपर्ट संगठन के अध्यक्ष विदेश से सिलक्यारा पहुंचे तब उन्होंने इस मंदिर में माथा भी टेका और देवता बोखा नाग से आज्ञा ली। यह बात तब सिद्ध होती है क्योंकि मंदिर स्थापित न करने से पहले जब कार्यदाई संस्था वर्टिकल ड्रिलिंग कर रही थी तब 22 मीटर के पास ड्रिलिंग का काम रुक गया था। जिससे सरकार से लेकर प्रशासन स्तर के अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए थे। तब पांच जगह से ड्रिलिंग करने का प्लान बनाया गया। लेकिन परिणाम तब ठीक आने लगे जब मंदिर स्थापित किया गया। अब अच्छी खबर यह आने लगी है की कुछ ही घंटे में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया जाएगा। क्योंकि अभी तक 50 मीटर से अधिक होरिजेंटल ड्रिलिंग हो चुकी है। जबकि महज 8 मीटर की दूरी आर पार करने के लिए बची है। पीएमओ के अधिकारी भास्कर खुलने ने खुशी जताते हुए कहा है कि कल विकास बागवाला फंसे हुए मजदूरों के साथ मनाई जाएगी जो आज देर रात तक या कल तक बाहर सुरक्षित निकल सकेंगे।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि विज्ञान के साथ-साथ दैब्या शक्ति का भी सहारा लिया गया। जिससे सुखद परिणाम सामने आने लगे हैं। ऐसे में यह देखना होगा की कब तक सभी मजदूर सुरक्षित बाहर निकल आएंगे।
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