ऑनलाइन दवा बिक्री पर AIOCD की चेतावनी बढ़ता खतरा

ऑनलाइन दवा बिक्री पर AIOCD की चेतावनी

“बिना नियंत्रण के दवा वितरण — जन स्वास्थ्य को गंभीर खतरा”

केंद्रीय गृह मंत्री को AIOCD का पत्र

ऑल इंडिया ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर ऑनलाइन प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की बिक्री और त्वरित डिलीवरी पर रोक लगाने की मांग की है।

आरोप: नियमों की अनदेखी कर रहे हैं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म

AIOCD का कहना है कि कुछ ई-फार्मेसी और क्विक कॉमर्स ऐप्स जैसे:

  • Zepto
  • Blinkit

बिना जरूरी जांच के Schedule H, H1 और X श्रेणी की दवाएँ कुछ ही मिनटों में डिलीवर कर रहे हैं — जो कि कानूनन प्रतिबंधित है।

जन स्वास्थ्य को खतरा

  • इन दवाओं के लिए डॉक्टर की प्रामाणिक प्रिस्क्रिप्शन जरूरी है, लेकिन कई बार यह चेक नहीं की जाती
  • मानसिक स्वास्थ्य और नशे से जुड़ी दवाएँ आसानी से युवाओं और लत वाले लोगों तक पहुँच रही हैं।
  • इससे ड्रग अब्यूज़, अवैध व्यापार और नशे की लत को बढ़ावा मिल सकता है।

घोस्ट प्रिस्क्रिप्शन की समस्या

AIOCD ने चेताया कि कई प्लेटफ़ॉर्म्स पर:

  • “Ghost Prescriptions” यानी फर्जी या बिना जांच के बनाए गए प्रिस्क्रिप्शन का इस्तेमाल हो रहा है।
  • देर रात, दूर-दराज़ क्षेत्रों से ऑर्डर की गई दवाओं पर शक जताया गया है — जहां डॉक्टरी मूल्यांकन की संभावना बेहद कम होती है।

प्रिस्क्रिप्शन मॉनिटरिंग की कमी

  • इन ऐप्स पर कोई भी सशक्त मॉनिटरिंग सिस्टम मौजूद नहीं है।
  • आदत बनाने वाली दवाएँ बिना निगरानी के आसानी से उपलब्ध हैं।
  • यह युवाओं और कमजोर वर्गों में नशे के लिए रास्ता खोलता है।

सरकार से AIOCD की मांग

AIOCD ने सरकार से:

  • कानूनी कार्रवाई और तुरंत हस्तक्षेप की अपील की है।
  • मांग की है कि ऑनलाइन दवा बिक्री पर सख्त नियम बनाए जाएं।
  • प्लेटफ़ॉर्म्स की जांच कर उनके संचालन पर रोक लगाई जाए अगर वे कानून का पालन नहीं कर रहे।

पृष्ठभूमि: क्या हैं Schedule H, H1 और X दवाएँ?

  • ये दवाएँ भारत के Drugs and Cosmetics Act के तहत आती हैं।
  • इनकी बिक्री के लिए:
    • प्रमाणित डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन
    • रिकॉर्ड कीपिंग और स्टोरेज नियम अनिवार्य हैं
  • बिना जांच के इनकी बिक्री अवैध है और जन स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।

निष्कर्ष

AIOCD की यह चेतावनी न सिर्फ एक संगठन की चिंता है, बल्कि यह पूरे स्वास्थ्य तंत्र और नीति-निर्माताओं के लिए एक संकट का संकेत है।
अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो ड्रग दुरुपयोग और अवैध दवा व्यापार एक नई महामारी का रूप ले सकता है।

Source -https://m.economictimes.com/industry/healthcare/biotech/pharmaceuticals/chemists-seek-ban-on-quick-commerce-sale-of-prescription-drugs/articleshow/123243740.cms

This article is written by Shreya Bharti, Intern at News World India

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