एक तरफ बमबारी, दूसरी तरफ भूखमरी

गाज़ा में 21 महीनों से जारी संघर्ष ने वहां के जीवन को पूरी तरह तबाह कर दिया है। इज़राइली हमलों, भूख और डर के बीच फंसी लाखों ज़िंदगियाँ अब सिर्फ राहत की उम्मीद में टिकी हैं।

इज़राइली बमबारी से गाज़ा खंडहर बना

पिछले 21 महीनों में गाज़ा पर की गई भारी बमबारी ने शहर को मलबे में तब्दील कर दिया है।

  • सैकड़ों घर, अस्पताल, स्कूल और सड़कें बर्बाद हो चुकी हैं।
  • अधिकतर इमारतें या तो ढह गई हैं या रहने लायक नहीं बचीं।
  • लोग सिर छुपाने की जगह के लिए भी तरस रहे हैं।

21 लाख लोग बेघर, तंबुओं में जिंदगी

  • संघर्ष के चलते करीब 21 लाख लोग अपने घरों से उजड़ गए हैं।
  • वे अब अस्थायी तंबुओं, कैंपों और जर्जर ढांचों में रहने को मजबूर हैं।
  • सुरक्षा, साफ पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं गायब हैं।

भूख का कहर: दिन में एक बार खाना

संयुक्त राष्ट्र और वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की रिपोर्ट के अनुसार:

  • गाज़ा में खाद्य संकट बेहद गंभीर हो चुका है।
  • लोगों को दिन में केवल एक बार बहुत सीमित मात्रा में खाना मिल पा रहा है।
  • सप्लाई बंद होने की वजह से खाने-पीने की चीज़ें लगभग खत्म हो गई हैं।

113 लोगों की मौत भूख से, बच्चे सबसे ज्यादा पीड़ित

  • अब तक भूख से 113 लोगों की मौत हो चुकी है।
  • सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर पड़ा है, जो गंभीर कुपोषण का शिकार हो रहे हैं।
  • यह हालत पूरी दुनिया के लिए चेतावनी है कि अगर जल्द कुछ नहीं हुआ, तो मौतों की गिनती और बढ़ेगी।

राहत की कोशिशें नाकाम, मदद भी खतरे में

  • मई 2025 में ‘गाज़ा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन’ ने भोजन बांटना शुरू किया था।
  • लेकिन अक्सर राहत सामग्री के वितरण के समय ही बमबारी हो जाती है, जिससे लोग मदद लेने से भी डरने लगे हैं।
  • उन्हें डर है कि कहीं राहत के नाम पर उनकी जान न चली जाए।

60 दिन का युद्धविराम प्रस्ताव ठंडे बस्ते में

  • संघर्ष को थामने के लिए 60 दिन के युद्धविराम की योजना बनाई गई थी
  • इसका मकसद था – बंदियों की अदला-बदली और राहत सामग्री की सप्लाई।
  • लेकिन अब तक इस योजना पर कोई ठोस अमल नहीं हो सका

इंसानियत पर सबसे बड़ा संकट

गाज़ा के लोग दोहरी मार झेल रहे हैं:

  1. बमों की तबाही
  2. भूख और बीमारी की पीड़ा

यह सिर्फ एक क्षेत्रीय संघर्ष नहीं, बल्कि मानवता का संकट बन चुका है

अब वक्त है ठोस समाधान का

अगर जल्द कोई ठोस समाधान नहीं निकाला गया, तो यह संकट और भयावह रूप ले सकता है।
दुनिया को अब सिर्फ बयान नहीं, कार्रवाई करनी होगी।

source https://www.aajtak.in/defence-news/photo/gaza-people-face-dual-crisis-of-destruction-and-hunger-amid-ceasefire-hopes-2294765-2025-07-24

(This article is written by Pragya Rai, Intern at News World India.)

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