उत्तराखंड में इस बार पड़ेगी कड़ाके की ठंड

उत्तराखंड में इस साल शीतकाल सामान्य से ज्यादा कठोर रहने वाला है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दिसंबर से फरवरी 2026 के बीच तीव्र ठंड, न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट, और लंबी शीतलहर की चेतावनी जारी की है।
इसी को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने सभी जिलों को Coldwave Action Plan तैयार करने और उसे यूएसडीएमए (USDMA) के साथ साझा करने के निर्देश दिए हैं।

IMD का पूर्वानुमान: इस बार ज्यादा ठंड और बर्फबारी

मानसून सीजन में इस साल उत्तराखंड में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई थी। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इस बार राज्य में बर्फबारी भी सामान्य से अधिक हो सकती है।

  • जनवरी 2026 में तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना
  • कई दिनों तक शीतलहर चलने का अंदेशा
  • पहाड़ी जिलों में अत्यधिक ठंड से खतरा बढ़ सकता है

इन चेतावनियों के बाद राज्य प्रशासन ने अपनी तैयारी तेज कर दी है।

जिलों को Coldwave Action Plan तैयार करने का आदेश

आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि:

  • जल्द से जल्द Coldwave Action Plan तैयार करें
  • रिपोर्ट को USDMA के साथ साझा करें
  • शीतलहर से निपटने के लिए उपलब्ध फंड का सही उपयोग करें

सचिव सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सभी जिलों को पर्याप्त धनराशि पहले ही उपलब्ध करा चुके हैं।
यदि किसी जिले को अतिरिक्त फंड की जरूरत हो, तो तुरंत शासन को प्रस्ताव भेजा जा सकता है।

यात्रियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि

केदारनाथ, बदरीनाथ, औली, हर्षिल, मुनस्यारी जैसी जगहों पर शीतकालीन यात्रा शुरू हो चुकी है।
सचिव ने निर्देश दिया कि:

  • मौसम और सड़क की स्थिति को देखकर ही श्रद्धालुओं को आगे बढ़ाया जाए
  • बर्फबारी के दौरान मार्ग बंद होने पर यात्रियों को सुरक्षित शेल्टर में रोका जाए
  • पहाड़ी क्षेत्रों में अचानक बर्फबारी के कारण जोखिम बढ़ता है
  • सभी संवेदनशील मार्गों पर तैयारी सुनिश्चित की जाए

आवश्यक सेवाएँ बाधित न हों: स्टॉक फरवरी 2026 तक तैयार

जिलों को निर्देश मिला है कि फरवरी 2026 तक आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त भंडारण कर लिया जाए:

  • खाद्य सामग्री
  • पेयजल
  • ईंधन
  • LPG
  • दवाइयाँ

खासकर ऐसे क्षेत्रों में जहाँ बर्फबारी के कारण सड़कें अक्सर बंद हो जाती हैं।

अस्पताल और एंबुलेंस 24×7 अलर्ट पर

जिलों को यह भी सुनिश्चित करना है कि:

  • अस्पतालों में पूरी तैयारी रहे
  • एंबुलेंस सेवाएं 24 घंटे तैयार रहें
  • चिकित्सकों की सूची और कॉन्टैक्ट नंबर अपडेट हों
  • आवश्यक दवाइयों का स्टॉक उपलब्ध रहे

खुले में सोने वालों को रैन बसेरों में शिफ्ट किया जाए

नगर निकायों को निर्देश दिया गया है कि सभी रैन बसेरों में—

  • साफ-सफाई
  • हीटर
  • गर्म पानी
  • पर्याप्त बिस्तर
  • महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग व्यवस्था

उपलब्ध हो।
हर रैन बसेरे के लिए एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा।
बेसहारा, मजदूर या खुले में सोने वाले लोगों को तुरंत रैन बसेरों में शिफ्ट किया जाए।

गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान

सभी जिलों को आदेश मिला है कि:

  • जनवरी–फरवरी 2026 में डिलीवरी वाली गर्भवती महिलाओं का डाटाबेस तैयार किया जाए
  • बर्फबारी की स्थिति में उन्हें सुरक्षित स्थान या अस्पताल तक पहुँचाने की विशेष योजना बनाई जाए

यह इसलिए जरूरी है क्योंकि बर्फबारी के बाद पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएँ प्रभावित हो सकती हैं।

बर्फ हटाने की मशीनें और सुरक्षा व्यवस्था तैयार रखें

हर साल बर्फबारी के कारण कई सड़कें बंद हो जाती हैं। इसे देखते हुए:

  • सभी संवेदनशील मार्गों को चिह्नित किया जाए
  • वहां JCB, स्नो कटर, और टायर चेन उपलब्ध कराए जाएँ
  • फिसलन वाले स्थानों पर चूना और नमक डाला जाए
  • दुर्घटना-प्रवण स्थानों पर साइन बोर्ड लगाए जाएँ

जनता को शीतलहर से बचाव के लिए जागरूक किया जाएगा

सचिव ने निर्देश दिया कि लोगों को लगातार जागरूक किया जाए:

  • गर्म कपड़े पहनने
  • हीटर का सुरक्षित उपयोग
  • बुजुर्गों और बच्चों की देखभाल

के बारे में पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम के जरिए जानकारी दी जाए।

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